सिटी पोस्ट लाइव: बिहार सरकार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH का अब हवा इतना खराब हो गया है कि यहाँ स्वास्थ्य व्यक्ति भी बीमार हो जाये.PMCH में दूसरी बीमारियों का ईलाज करवाने आये मरीज और उनके परिजन यहां की आबो-हवा से संक्रमित हो सकते हैं.मरीजों की बात तो छोडिये, यहाँ ईलाज करनेवाले डॉक्टर्स भी संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के बजाए खुले में यहाँ फेंका जा रहा है.इससे आम लोगों के साथ मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टर भी बीमार हो रहे हैं.15% डॉक्टर और लगभग 30% हेल्थ वर्कर सांस की समस्या से जूझ रहे हैं.
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जगह-जगह मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है. यह मेडिकल वेस्ट हवा में उड़ता है और छोटे छोटे कण में लोगों की सांस में मिल जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर मेडिकल का कचरा हवा में उड़ता है तो यह सांस के साथ फेफड़े तक पहुंच जाता है. फेफड़े में गंभीर संक्रमण का यह बड़ा कारण बनता है.वार्डों से लेकर सड़क तक गंदगी पड़ी रहती है, जिससे संक्रमण का खतरा है. कोरोना वार्ड में जिस गलव्स और PPE किट को पहनकर डॉक्टर गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं उसे खुले में फेंका जा रहा है. पोस्टमार्टम हाउस के आसपास भी ऐसे ही कचरा सड़क पर फेंका जाता है. यहां से भी कचरा उड़कर हवा में फैलता है. इसी रास्ते से होकर हार्ट के मरीज इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान जाते हैं. ऐसे में उन्हें भी संक्रमण का खतरा रहता है. डॉक्टरों को भी दिन भर आना जाना इसी रास्ते होता है. उन्हें भी संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है.
पटना मेडिकल कॉलेज में वार्ड के आसपास ही कचरा स्टोर किया जाता है. खुले डस्टबिन में मरीजों के पास से निकली सुई दवाई की खाली शीशी बोतलों के साथ बैंडेज फेंके जाते हैं. हर दिन यहां ऐसे ही कचरा इकट्ठा कर दिया जाता है.उसके निस्तारण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जाती है. यह लोगों को बीमारी बांटने का काम कर रहा है.पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इंसीनेटर लगाया गया है. पूरे अस्पताल का कचरा यहां नष्ट किया जाता है, लेकिन सफाई कर्मियों की मनमानी से अस्पताल की हवा में संक्रमण फैल रहा है.
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