सिटी पोस्ट लाइव : अगर आपको वहां खरीदना है तो इलेक्ट्रॉनिक ही खरीदें क्योंकि आनेवाला ज़माना इसी का है.अभी इलेक्ट्रॉनिक वहां की खरीददारी पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार सब्सिडरी दे रही है.स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत स्मार्ट पार्किंग के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की तैयारी है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्मार्ट पार्किंग में अलग से पार्किंग उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए चार्जिंग स्टेशन स्मार्ट पार्किंग के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा.
पटना डीटीओ के अनुसार पिछले 6 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में काफी इजाफा देखने को मिला है. 4267 ई-रिक्शा और 3235 ई–स्कूटर की संख्या सबसे ज्यादा है. इन दिनों ट्रेंड में चल रहे ई-रिक्शा विथ कार्ट की संख्या 329 है जो पिछले साल से चार गुणी हुई है. साल 2017 में पटना में 954 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए थे. वहीं यह संख्या 6 सालों में बढ़कर 7,988 हो गई है. इसमें साल 2022 में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक मोटर कार की संख्या 124 है.
ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ग्रीन बजट बना कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही है.लेकिन अभी यहां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशंस की किल्लत है. राजधानी पटना में इलेक्ट्रिक वालों को चार्ज करने के लिए सरकार के तरफ से टेंडर के द्वारा दो स्टेशन उपलब्ध कराए गए हैं. जिसमें से एक पटना जंक्शन पर मौजूद है. दूसरा पाटलिपुत्र स्टेशन पर मौजूद है. लेकिन अगर पटना जंक्शन पर बने चार्जिंग स्टेशन की बात करें तो यहां दिन भर में चार्ज किए जाने वाले गाड़ियों की संख्या बहुत कम है. पटना जंक्शन पर मौजूद चार्जिंग स्टेशन पर बात कर पता चला कि यहां दिन भर में चार से पांच गाड़ियां ही चार्ज हो पाती है.
राजधानी पटना में जिसके पास अपने इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने की सुविधा उपलब्ध है उनके लिए कोई चार्ज नहीं लगता. लेकिन जिन किसी के पास इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने की समस्या है तो उन्हें प्रतिदिन ₹100 देना पड़ता है. राजधानी पटना के ई रिक्शा चालकों को सरकार के चार्जिंग स्टेशंस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. अभी अपनी गली मोहल्ले में चार्जिंग की सुविधा मुहैया करवाने वालों से अपना वाहन चार्ज करवाते हैं जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन उन्हें ₹100 देना पड़ता है.
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