आज से बदल गया है बिहार पुलिस मुख्यालय का एड्रेस, हेलीपैड-हाई-सिक्यूरिटी से लैश है भवन
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस मुख्यालय का नया आज से बदल गया है बिहार पुलिस मुख्यालय का एड्रेस, हेलीपैड-हाई-सिक्यूरिटी से लैश है भवन सजधज कर तैयार है. बिहार की राजधानी पटना में नवनिर्मित पुलिस मुख्यालय भवन बनाकर पूरी तरह से तैयार है. राज्य का पुलिस मुख्यालय शुक्रवार को इसी नए भवन में शिफ्ट हो जाएगा. नए पुलिस मुख्यालय के निर्माण सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है. सुरक्षा ऐसी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता. ईमारत इतनी बुलंद और आलिशान है कि दिल्ली और महारष्ट्र का पुलिस मुख्यालय इसके सामने थर्ड क्लास नजर आएगा. अब इसी ईमारत में पुराना सचिवालय में वर्ष 1917 से चल रहा पुलिस मुख्यालय शिफ्ट हो जाएगा.
राजधानी के बेली रोड में 53504 स्क्वायर मीटर बिल्ट-अप एरिया वाले इस सात मंजिला भवन का निर्माण 305 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी शुक्रवार को इसका लोकार्पण करेंगे. भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी का दावा है कि पुलिस मुख्यालय भवन को ‘सिग्नेचर बिल्डिंग’ की तर्ज पर तैयार किया गया है. ‘सिग्नेचर बिल्डिंग’ लखनऊ में निर्मित बहुमंजिला पुलिस भवन है.
बिहार में यह पहला भवन है जिसमें बेस आइसोलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इस तकनीक की खासियत यह है कि रिक्टर स्केल पर अगर नौ की तीव्रता के साथ भी भूकंप आता है तो भवन को कुछ नहीं होगा. भूकंप के समय भी यह भवन पूरी तरह से ऑपरेशनल रहेगा. पुलिस मुख्यालय भवन की खासियत यह भी है कि अगर 10 दिनों तक प्रदेश में सभी जगहों पर बिजली कटी रहती है, तो भी यहां बिजली रहेगी. यहां इस तरह के उपकरण लगाए गए हैं, जिनसे 10 दिनों के पावर बैक-अप की सुविधा उपलब्ध होगी. भवन को सोलर पावर से भी लैस किया गया है.
यह ग्रीन बिल्डिंग होगी जहाँ से इस्तेमाल होने वाला पानी भी बाहर नहीं जाएगा. परिसर में वाटर ट्रीटमेट प्लांट लगाया गया है. प्रवेश की व्यवस्था भी हाईटेक सिक्यूरिटी प्रूफ है. प्रवेश द्वार के तुरंत बाद कई टर्मिनल वाला एक हॉल है. वहां खास किस्म के इलेक्ट्रॉनिक कार्ड को स्वैप करके ही कोई अंदर जा सकेगा.परिसर में साढ़े चार सौ वाहनों की अंडर ग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था है. भवन की छत पर एक हेलीपैड भी बनाया गया है.
इस भवन में मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह सचिव, पांच डीजीपी के अलावा सीआइडी, स्पेशल ब्रांच, रेल पुलिस, खुफिया विंग, ट्रेनिंग, बीएमपी, वायरलेस सहित सभी विंग के कार्यालय होंगे. भवन पूरी तरह ऑपरेशनल होगा. यानी क्राइसिस में भवन में सभी विंग के अधिकारी पूरे ऑपरेशन को मॉनिटर कर सकेंगे. जीपीएस सिस्टम से यह पता लगाया जा सकेगा कि जिलों के एसपी कहां हैं पुलिस की गाड़ियां कहां मूव कर रही हैं.
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