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कोरोना के चलते टल गया नियोजित शिक्षकों के वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव.

सेवाशर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति मिलेगी.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार सरकार कोरोना से निपटने में जी-जान से जुटी हुई है.आज की तारीख में देश के किसी भी राज्य से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग बिहार में हो रहा है.राज्य सरकार अपने पूरे संसाधन का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने में कर रही है. लॉकडाउन और आर्थिक सुस्ती के चलते सरकार की आमदनी बहुत कम हो गई है.इन सबका असर नियोजित शिक्षकों पर पड़ा है. पहले चर्चा थी कि सेवा शर्त पर मंजूरी के साथ ही शिक्षकों को 20 फीसदी वेतन वृद्धि का तोहफा भी मिल सकता है. लेकिन सूत्रों के अनुसार कोरोना के चलते सरकार ने वेतन वृद्धि पर सहमति नहीं जताई है.

नियोजित शिक्षकों का वेतन तो नहीं बढ़ेगा, लेकिन उन्हें सेवा शर्त, ईपीएफ और प्रमोशन का लाभ मिलेगा. सोमवार को कैबिनेट में सेवा शर्त पर स्वीकृति मिल सकती है. इसके बाद मंगलवार से यह लागू हो जाएगा. सरकार ने नियोजित शब्द भी हटाने की घोषणा की है.नियोजित शिक्षक लंबे समय से सेवा शर्त की मांग कर रहे थे. सेवा शर्त नियमावली लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति मिलेगी. शिक्षकों को तबादले का मौका मिलेगा. पहले नियोजित शिक्षकों की बहाली के लिए बनी नियमावली में पूरे सेवाकाल में एक बार अपने नियोजन इकाई के अंदर किसी स्कूल में तबादले का प्रावधान था. नई सेवा शर्त नियमावली लागू होने पर सेवाकाल में अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही एसीपी और प्रोन्नति का लाभ मिलेगा.

अभी बिहार में लगभग 24 हजार स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद खाली हैं. नई सेवा शर्त नियमावली लागू होने से इन पदों पर नियोजित शिक्षकों को भी प्रोन्नति का लाभ मिल सकेगा. राज्य में 42701 प्राथमिक स्कूल, 30176 मध्य विद्यालय और माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय 5391 हैं. राज्य में अभी 3.23 लाख नियोजित शिक्षक हैं. राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दिया था.

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