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निजी स्कूलों को शिक्षा मंत्री ने चेताया, मार्च-अप्रैल का फीस लिया तो होगी कारवाई

सरकार के इस आदेश से 'खतरे' में प्राइवेट स्कूल टीचर्स की नौकरी , सता रहा नौकरी जाने का डर.

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निजी स्कूलों को शिक्षा मंत्री ने चेताया, मार्च-अप्रैल का फीस लिया तो होगी कारवाई

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने ये साफ़ कर दिया है कि सरकार मार्च अप्रैल का स्कूल फीस और बस चार्ज नहीं लेने के अपने आदेश का सख्ती से पालन करायेगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को मार्च अप्रैल का फीस और ट्रांसपोर्टेशन फीस नहीं वसूलने का निर्देश शिक्षा विभाग की तरफ से जारी कर दिया है. मंत्री ने कहा कि जब स्कूलों में पढ़ाई हुई ही नहीं और बच्चों ने बस का इस्तेमाल किया ही नहीं, ऐसे में फीस कैसे वसूला जा सकता है.

लेकिन निजी स्कूल मंत्री के इस आदेश को आसानी से मानने को तैयार नहीं हैं. प्राइवेट स्कूल एन्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष समाइल अहमद ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग के इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. समाइल अहमद ने शिक्षा विभाग के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए अभिभावकों से भी गुहार की है कि राज्य के 25000 प्राइवेट स्कूलों के 5 लाख शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए फीस का जरूर भुगतान करें.

ट्रांसपोर्टेशन चार्ज नहीं लिए जाने के आदेश को भी अहमद ने अनुचित बताया और कहा कि सरकार अगर ट्रांसपोर्ट टैक्स फ्री करती है तभी ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी माफ होगा. सरकार के इस फैसले को लेकर जहां स्कूल प्रशासन और शिक्षकों में आक्रोश है तो कोरोना बंदी में सरकार के इस फैसले को अभिभावक सही बता रहे हैं. गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने 3 दिनों पहले ही आदेश जारी किया था कि राज्य के सभी निजी स्कूल मार्च और अप्रैल का फीस नहीं लेंगे साथ ही ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी नहीं ले सकेंगे.

हालांकि शिक्षा विभाग ने वैसे स्कूलों को फीस लेने की अनुमति दी है जो ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं लेकिन हकीकत ये है कि आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे 25 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन क्लासेज से वंचित हैं तो राज्य के 40 प्रतिशत स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी है. जाहिर है सरकार ने आदेश तो जारी कर दिया है लेकिन प्राईवेट स्कूल इसका किस हदतक पालन करते हैं ,आनेवाला समय ही बतायेगा क्योंकि फिर्हाल स्कूलों की तरफ से फीस की मांग शुरू कर दी गई है.

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