सिटी पोस्ट लाइव : इबादत का महीना रमजान का 27वां रोजा सोमवार को पूरा हो चूका है.अब सबको ईद के चाँद का इंतज़ार है. रमजान की सर्वाधिक महत्वपूर्ण पांच रातों में से अंतिम शब ए कद्र मंगलवार की रात होगी. 12 मई को ईद का चांद देखने की अपील विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा की गयी है. बातें इस्लामिक शिक्षाविदों के अनुसार इस दिन चांद दिखा तो 13 मई को ईद होगी. चांद नहीं नजर आने पर 14 मई को ईद होनी तय है.इस्लामिक शिक्षाविदों ने लोगों से आह्वान किया कि गत वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना के खतरे को देखते हुए ईद की नमाज घरों में पढ़ें. बिना गले मिले और हाथ मिलाए शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए ईद मनाएं.
जमात इस्लामी हिंद बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने लोगों के लिए अपील जारी करते हुए कहा कि कोरोना से बचने और दूसरों को बचाने के लिए लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करें. ईद की नमाज अपने-अपने घर में पढ़ें. घर में चार या अधिक सदस्य जमा होने पर जमात कर लें. अल्लाह का शुक्रिया अदा करने के लिए दो रिकअत नमाज अदा करें. कोरोना के खात्मे और परेशान इंसानों की मदद के लिए अल्लाह से खूब दुआ मांगें. शरीअत में गले या हाथ मिलाना आवश्यक नहीं बल्कि पसंदीदा अमल है.
खानकाह इमादिया मंगल तालाब के सज्जादानशीं सैयद शाह शमीम अहमद मुनएमी ने ईद मनाने के नाम पर बेवजह खर्च नहीं करने की अपील की है.उन्होंने कहा है कि पुराने और साफ कपड़े में भी नमाज पढ़ी जा सकती है. खर्च सीमित कर पैसे बचाएं और परेशानी के इस समय में दूसरों की मदद करें. उन्होंने कहा कि रमजान और ईद की नमाज घर में पढ़े जाने में भी अल्लाह की मर्जी शामिल है. इंसानों के गुनाह से नाराज हुए अल्लाह को इबादत और दुआ कर मनाने का प्रयास निरंतर इंसान ही करे.
Comments are closed.