सिटी पोस्ट लाइव :होली का पर्व बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए बहुत मायने रखता है.देश दुनिया के कोने कोने से लोग होली मनाने के लिए अपने प्रदेश और गावं आते हैं. आमतौर पर होली सभी लोग मनाते हैं. लेकिन सनातन धर्म के मुताबिक होली से 1 दिन पहले होलिका दहन भी मनाया जाता है. जिसमें भारतीय सभ्यता और संस्कृति के मुताबिक अगर हम बात करें तो एक जगह कई सारी लकड़ियों को इकट्ठा करके उसे जलाया जाता है. उसमें कपूर प्रवाहित की जाती है.इस बार के होलिका दहन का समय क्या होगा? किस प्रकार से होलिका दहन करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी.
होलिका दहन को लेकर कई लोगों को कंफ्यूजन है. इस बार होलिका दहन 7 मार्च को 5:48 बजे से 7:24 बजे तक मनाया जाएगा.इस बार के होलिका दहन के दिन प्रातः 6:12 से शाम 5:52 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी. उसके बाद प्रतिपदा तिथि हो जाएगी. जिसमें होलिका दहन को शुभ माना जाता है. ऐसा प्रमाण निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ से मिलता है.
इस बार के होलिका दहन में आम, बेल और बैर के लकड़ियों को जलाने से भी विशेष फल की प्राप्ति होगी. होलिका दहन के दिन अपने कुलदेवता के ऊपर अबीर, गुलाल अवश्य अर्पित करनाचाहिए. उससे भी विशेष फलाफल की प्राप्ति होती है. इस बार काहोलिका दहन को 7 मार्च मंगलवार प्रदोष समय में मनाया जाएगा. जिससे कि विशेष फलाफल की प्राप्ति होगी.
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