सिटीपोस्टलाईव : जेडीयू के प्रमुख प्रवक्त्ता संजय सिंह का टिकेट काटे जाने से सबसे ज्यादा खुश विपक्ष है क्योंकि संजय सिंह सबसे ज्यादा हमलावर रहते थे.आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी ने संजय सिंह को जीदीयू द्वारा विधान परिषद् का टिकेट नहीं दिए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि उनके दिल में संजय सिंह के लिए सहानुभूति है क्योंकि वो लगातार विपक्ष पर हमलावर रहते थे .नीतीश के विरोधियों को खूब गलियाते थे . संजय सिंह ने मेरे खिलाफ क्या कुछ नहीं कहा नीतीश कुमार को खुश करने के लिए .लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें भी नहीं बख्शा.शिवानन्द तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार किसी के नहीं हैं. दरअसल संजय सिंह के टिकट काटे जाने से शिवानन्द तिवारी सरीखे विपक्ष के सारे नेता खुश हैं और सहानुभूति जताने के बहाने वो उनके जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं.लेकिन संजय इतने अनाडी नहीं हैं.उन्होंने नीतीश कुमार के फैसले को सहजता के साथ एक तरफ स्वीकार कर लिया है दूसरी तरफ उनके समर्थक विधायक और पार्टी नेता नीतीश के ऊपर संजय सिंह को सरकार में महत्वपूर्ण देने के लिए दबाव बनाने में जुटे हैं.जेडीयू के जितने उपेक्षित नेता हैं संजय सिंह के पक्ष में गोलबंद होने लगे हैं .ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द ही नीतीश कुमार संजय सिंह को पार्टी या फिर सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी देने जा रहे हैं.गौरतलब है कि संजय सिंह बतौर प्रवक्त्ता इतने आक्रामक रहे हैं कि उनके लिए जेडीयू को छोड़ कर और किसी पार्टी में जगह मुश्किल से मिल पाएगी .ऐसे में नीतीश कुमार से उनके समर्थक यहीं उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनका मान-सम्मान कायम रखने के लिए वो जरुर कुछ करेगें. राजनीतिक गलियारे में ये भी चर्चा है कि जिस तरह से लालू यादव के दबाव में श्याम रजक से मंत्री पद छीन लिया गया उसी तरह से पासवान के नीतेश कुमार के साथ बढती दोस्ती संजय सिंह के विधान परिषद् के टिकेट काटे जाने की वजह बनी है.श्याम रजक तो अपने को बतौर दलित नेता प्रोजेक्ट कर नीतीश कुमार के ऊपर दबाव बनाने में जुटे हैं लेकिन संजय सिंह का अगला कदम क्या होता है ,इसपर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.
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