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लोगों को 15 साल बनाम 15 साल का फर्क दिखाएं छात्र और शिक्षक

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सिटी पोस्ट लाइव : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह का पार्टी के प्रकोष्ठों के साथ संवाद का शानदार शुभारंभ हुआ। आरसीपी सिंह ‘गूगल मीट’ एवं ‘फेसबुक लाइव’ के माध्यम से हजारों की संख्या में जुड़े छात्र जदयू एवं शिक्षा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए और आज से शुरू हो रहे छात्र जदयू के ‘ट्यूजडे टाॅक’ तथा शिक्षा प्रकोष्ठ के ‘मंगल शिक्षा संवाद’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर छात्र जदयू के प्रभारी व पूर्व विधानपार्षद डाॅ0 रणवीर नंदन, शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 कन्हैया सिंह, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 अमरदीप, छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्याम पटेल, छात्र नेता अंकित तिवारी, शादाब आलम, कुमार सत्यम तथा जदयू महादलित प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 हुलेश मांझी मौजूद रहे।

इस मौके पर अपने विद्वतापूर्ण संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि शिक्षा का मतलब है किसी भी चीज को खुले नजरिए से देखना। शिक्षा वो होती है जिससे आपके भीतर ऊर्जा संचारित होती है  और आपका आत्मबल बढ़ता है और आप सही और गलत का फर्क समझ पाते हैं। विरोधी दल को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि आपको अपने आसपास नकारात्मक ऊर्जा वाले लोग भी मिलेंगे, आप उनसे पूछिए कि आपके समय में शिक्षा का कितना बजट था? 1990 से 2005 के दौरान 15 वर्षों का कुल बजट 2 लाख 15 हजार करोड़ था, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आज बिहार का केवल एक साल का बजट 2 लाख 11 हजार करोड़ है।

आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केवल शिक्षा नहीं बल्कि उसके पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किया। 15 साल पहले बिहार में एक भी केन्द्रीय विश्वविद्यालय नहीं था आज दो-दो हैं। उनसे पहले के 15 साल में एक भी मेडिकल काॅलेज नहीं खुला आज 20 से ऊपर हैं। तब बिहार में गिने-चुने पाॅलिटेकनिक काॅलेज थे आज हर जिले में पाॅलिटेकनिक और इंजीनियरिंग काॅलेज हैं। तीन-तीन नए विश्वविद्यालय अस्तित्व में आए, आर्यभट्ट के नाम पर नाॅलेज विश्वविद्यालय बना तथा कृषि विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी, एनआईआईएफटी जैसे तमाम संस्थान आज बिहार में हैं। एएनएम काॅलेज, जीएनम काॅलेज, बीएड काॅलेज बड़ी संख्या में हैं। इन्हीं 15 वर्षों में 07 प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी बिहार में खुलीं।

आरसीपी सिंह ने छात्रों और शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी बिहार के लोगों से जाकर पूछिए कि आपको कैसा बिहार चाहिए? ज्ञान का या अंधकार का? उन्होंने कहा कि हम सबके नेता नीतीश कुमार नेपोलियन बोनापार्ट के कथन स्मंकमत पे कमंसमत पर बिल्कुल खरे उतरते हैं। 2005 में उन्होंने निराशा में डूबे बिहार को जो आशा दिलाई उसे पूरा किया। बिहार में कानून का राज हो, शिक्षा हो, बिजली हो, सड़क हो या फिर उनके द्वारा चलाए जा रहे समाज सुधार के अभियान, उन्होंने तमाम छोटी-बड़ी चीजों पर ध्यान दिया और बिहार के समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया।

छात्रों से उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने बिहारी अस्मिता को, हमारे बिहारीपन को ललकारा है, उसे चुनौती दी है। आपको वैसे लोगों को जवाब देना है। छात्रों से उन्होंने यह भी कहा कि वे कभी गणेश परिक्रमा पर ध्यान नहीं दें, केवल अपना कर्तव्य करें। समय निकालकर क्लासिक साहित्य पढ़ें और राजनीति में भी सकारात्मक भूमिका निभाएं। आरसीपी सिंह ने कोरोना काल में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे नेता ने इस दौरान न केवल हमारी सुरक्षा की चिन्ता की बल्कि हमारा मान-सम्मान बना रहे इसका ध्यान भी रखा। श्री आरसीपी सिंह ने सभी से कोरोना में सावधानी रखने और लोगों के बीच अपनी बात सोशल मीडिया के माध्यम से रखने की अपील की।

छात्र जदयू के प्रभारी डाॅ0 रणवीर नंदन ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम श्री आरसीपी सिंह का आभार प्रकट किया कि उन्होंने अपने संवाद कार्यक्रम की शुरुआत छात्र जदयू से की। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह सभी छात्रों के लिए केवल नेता और अभिभावक ही नहीं हमेशा राह दिखाने वाले गुरु भी हैं, इसलिए आज से छात्र जदयू के सभी कार्यकर्ता उन्हें ‘आरसीपी सर’ कहा करेंगे। छात्रों से उन्होंने कहा कि जैसा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है, हमें अपना 90ः समय अपने नेता के कार्यों को बताने में और 10ः विरोधियों का जवाब देने में खर्च करना है।

छात्र जदयू के अध्यक्ष श्याम पटेल ने कहा कि छात्र जदयू मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विचारों और कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डाॅ0 कन्हैया सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने अपने विजन को ‘विकसित बिहार, नीतीश कुमार’ के रूप में सामने रखा है, जिसे हमें जन-जन तक पहुंचाना है।

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