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नीतीश जी की राजनीति में सिद्धांत की खोज तो समुद्र का थाह लगाने जैसा है :शिवानंद

.‘गांधी के फ़ॉलोवर होने का नीतीश का दावा थेथरई, सिद्धांत विहीन राजनीति को पाप मानते थे बापू’

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नीतीश जी की राजनीति में सिद्धांत की खोज तो समुद्र का थाह लगाने जैसा है :शिवानंद

सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एकबार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने के नीतीश कुमार के दावों पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश जी गांधीजी का सिर्फ नाम ही नहीं लेते हैं, बल्कि उनका यह दावा है कि मैं गांधी जी का ‘फ़ॉलोवर’ यानी उनके रास्ते का अनुसरण करने वाला हूँ. इस दावेदारी की कसौटी क्या होगी! तिवारी आगे लिखते हैं “ गांधीजी ने लिखा बहुत है. एक सौ से ज्यादा खंडों में उनका समग्र छपा है. लेकिन उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि मुझे जानने या समझने के लिए मेरा कहा या लिखा पढ़ो. उनका कहना था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है. नीतीश जी के जीवन मे या उनकी राजनीति पर गांधी जी का कितना स्पर्श है, यह परखने की कसौटी तो गांधी ही हो सकते हैं. अभी दो अक्तूबर को गांधी जयंती के अवसर पर नीतीश जी ने आदेश दिया कि जिन सात बातों को गांधी जी पाप के रूप में देखते थे उन्हें सार्वजनिक जगहों पर लिखा जाए. ताकि लोग उनसे सबक ले सकें.

गांधीजी द्वारा गिनाए गए सात पापों में एक है सिद्धांत विहीन राजनीति. नीतीश जी की राजनीति में सिद्धांत की तलाश करना तो समुद्र का थाह लगाने जैसा है. पिछले पाँच वर्षों की उनकी राजनीति को ही देख लिया जाए. अपनी राजनीति के इस छोटे से अंतराल जिस प्रकार उन्होंने एक के बाद एक पलटी मारी है उसके आगे तो भजन लाल का आया राम, गया राम फ़ेल है. उसके बाद भी जब वे दावा करते हैं कि मैं गांधी के रास्ते पर चलने वाला हूँ तो इतनी थेथरई तो नीतीश कुमार के ही बस का है.

गांधी अनुसरण का उनका दूसरा नमूना भी देख लिया जाए. देश में नीतीश जी अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनके नाम पर वर्तमान और भूतपूर्व मुख्यमंत्री की दो कोठियाँ आवंटित हैं. दोनो का बजाप्ता वे उपभोग कर रहे हैं. भूतपूर्व मुख्यमंत्री वाली कोठी में वे आजीवन रहेंगे. इसका विधान बना चुके हैं.लोग बताते हैं कि भूतपूर्व वाली कोठी के सामने वर्तमान मुख्यमंत्री की कोठी तो दीन-हीन जैसी है. बहुत निर्मम ढंग से बगैर किसी संकोच के करोड़ों की सरकारी राशि उस कोठी में ख़र्च कराई गई है. उसके बाद ताल ठोक कर यह दावा कि मैं गांधी का अनुयायी हूँ. शिवानन्द तिवारी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि इसके लिए एक ख़ास तरह की हिम्मत चाहिए. मानना पड़ेगा कि वैसी हिम्मत नीतीश कुमार के पास है.

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