शरजील के खिलाफ BJP ने की सख्त कार्रवाई की मांग तो उतरा बचाव में विपक्ष.
सिटी पोस्ट लाइव :दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) इलाके में चल रहे धरना-प्रदर्शन के दौरान शरजील इमाम (Sharjeel Imam) के विवादित बयान ने सियासत गरमा गई है. दिल्ली में दिए बयान को लेकर बिहार की राजनीति भी गरमा गई है.शरजील इमाम बिहार (Bihar) के जहानाबाद (Jehanabad) जिले का निवासी है और उसके परिवार का JDU से नाता रहा है.
बीजेपी सीएए के समर्थन में धरना देने वाले लोगों और उन्हें समर्थन दे रहे राजनीतिक दलों पर पार्टी पहले से ही हमलावर है. अब बीजेपी ने शरजील इमाम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि असम को अलग करने की मांग नई नहीं है. जिन्ना की अंतिम इच्छा भी यही थी कि असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाया जाए. देशद्रोह का इससे बड़ा मामला नहीं हो सकता. इसलिए शरजील इमाम पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
राकेश सिन्हा ने कहा कि इस पूरे आंदोलन के पीछे भारत की एकता और अखंडता खत्म करने की बड़ी साजिश हो रही है. शाहीनबाग के लोग चाहते हैं कि भारत धर्मनिरपेक्ष न रह जाए. भारत इस्लामिक वीटो के आधार पर चले, लेकिन ऐसा नहीं होगा.बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी शरजील इमाम के बयान की निंदा की है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि शरजील इमाम का वक्तव्य समाज में उत्तेजना पैदा करने वाला है. वो राष्ट्र हित के समर्थन में नहीं हैं. ऐसे वक्तव्य देकर शांति से चल रहे आंदोलन को बदनाम करने का काम किया है. लिहाजा, इस तरह के विध्वंसक तत्व के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
विपक्षी दलों की तरफ से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. आरजेडी और आरएलएसपी ने शरजील इमाम के बयान और उस पर हो रही कार्रवाई के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि यह सियासत का विषय नहीं है. इसकी जांच की जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि वीडियो की सत्यता की जांच की जानी चाहिए.इस मामले का ठीक से अनुसंधान होना चाहिए.उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल के लोग उनका जिक्र क्यों नहीं करते जो कहते हैं कि फलां-फलां साहब को कुछ बोलोगे तो जमीन में गाड़ देंगे. यह एकांगी दृष्टिकोण नहीं होनी चाहिए. दोनों पर बराबर का आक्रोश और बराबर का शिकंजा होना चाहिए.
आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि जिस तरह शरजील इमाम के पूरे परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है, जिस तरह छापा मारा जा रहा है, वो दुर्भाग्य की बात है. उसके बयान की निंदा करता हूं. लेकिन सरकार जो कार्रवाई कर रही है, उसकी भी घोर निंदा करता हूं. लोकतंत्र में संतुलन बना कर चलना चाहिए.
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