राम मंदिर पर राजद ने कहा चुनाव से पहले BJP अलापने लगती है राम का नाम
सिटी पोस्ट लाइव : 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है. लेकिन अयोध्या में राम लला मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा के भीतर भी तल्खी और तेवर कड़े हो रहे हैं. वैसे यह सच है कि राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा भाजपा का पुराना और मूल एजेंडा रहा है. लालकृष्ण आडवाणी की लालू प्रसाद के समय बिहार में गिरफ्तारी, भाजपा के एजेंडे को साबूत मुहर लगा गयी थी. हांलांकि आज आडवाणी राजनीतिक अवसान को शिरोधार्य कर चुके हैं. मुरली मनोहर जोशी भी राजनीतिक हासिये पर हैं. देश के बड़े भाजपा नेता इस मंदिर मुद्दे पर अभी मुंह नहीं खोल रहे हैं लेकिन बिहार में राम मंदिर को लेकर सियासत तेज हो चुकी है. जहां पहले सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राम मंदिर पर फैसला टालना नहीं चाहिए. इस मामले पर जल्द-जल्द फैसला करना चाहिए.
वही अब भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि राम मंदिर को हम लोग जल्द से जल्द निर्माण कराना चाहते हैं. क्योंकि यह भारत की संस्कृति विरासत है. ऐसे में मंदिर निर्माण होता है तो लोगों को खुशी मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट को यह मामला जल्द से जल्द निपटाना चाहिए और जो राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. वह सिर्फ धार्मिक मतभेद पैदा करना चाहते हैं. हमारा मानना है कि रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो जाए क्योंकि राम जी कितने दिनों तक बनवास में रहेंगे.
वहीं राजद प्रवक्ता भाई बिरेंद्र ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव नजदीक आ गया है. जब जब चुनाव आते हैं यह लोग राम का नाम लेना शुरू कर देते हैं. चुनाव खत्म हो जाते हैं तो राम का नाम भूल जाते हैं. देश में धर्म के नाम पर भाजपा आरएसएस आग लगवाना चाहती है. भाजपा आरएसएस को न्यायालय पर कोई भरोसा नहीं रह गया है, इसलिए यह लोग राम मंदिर को लेकर न्यायालय पर दबाव डालना चाहते हैं. न्यायालय को चाहिए कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें क्योंकि यह लोग न्यायालय पर दबाव डाल रहे हैं. उहोने कहा यह न्यायालय का मामला है, जो न्यायालय पर ही छोड़ देना चाहिए.
एनडीए सहयोगी रालोसपा ने भी राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा से अलग राय रखी. रालोसपा प्रवक्ता सत्येंद्र भट्ट ने कहा कि कुछ लोग राम मंदिर के नाम पर राजनीति करते हैं. राम मंदिर का मामला न्यायालय में है और यह न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए. न्यायालय क्या फैसला देती है इस पर भाजपा को संयम रखना चाहिए, क्योंकि यह देश सभी धर्मों का है. ऐसे में राम मंदिर के नाम को लेकर देश में तनाव पैदा करना चाहते हैं.
संजीव आर्या की रिपोर्ट
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