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नीतीश साथ होते और लालू बाहर तो चुनाव का नतीजा कुछ और होता :रघुबंश

रघुबंश प्रसाद सिंह ने उठाया नेत्रित्व पर सवाल, कहा- लालू-तेजस्वी में नहीं की जा सकती कोई तुलना

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नीतीश साथ होते और लालू बाहर तो चुनाव का नतीजा कुछ और होता :रघुबंश

सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्ते में तल्खी क्या दिखी ,आरजेडी ने एक नयी राजनीतिक संभावना की तलाश शुरू कर दी है. सिटी पोस्ट लाइव के साथ ख़ास बातचीत में आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुबंश प्रसाद ने माना कि अगर आज नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ होते और लालू यादव तेजस्वी यादव की जगह महागठबंधन के नेता होते तो चुनाव की रिजल्ट कुछ अलग होता.रघुवंश प्रसाद ने कहा कि महागठबंधन में पांच दल जरुर थे लेकिन ये प्रॉपर गठबंधन नहीं था. घटक दलों के बीच कोआर्डिनेशन का अभाव था.रघुबंश सिंह ने कहा कि लालू यादव की तुलना तेजस्वी यादव से नहीं की जा सकती है. उन्होंने महागठबंधन की इस करारी हार के लिए तेजस्वी यादव के नेत्रित्व को लेकर भी सवाल खड़ा कर दिया. रघुबंश प्रसाद ने कहा कि एक तरफ महागठबंधन का नेत्रित्व कमजोर था, उम्मीदवार कमजोर थे वहीँ दूसरी तरफ हर कोई मोदी मोदी कर रहा था.

रघुबंश प्रसाद सिंह ने कहा कि मोदी का प्रचार प्रसार बहुत ज्यादा था दूसरी तरफ महागठबंधन अपनी बात ठीक ढंग से जनता तक नहीं पहुंचा पा रहा था. रघुबंश प्रसाद ने इस प्रचंड जीत के लिए एवीएम को दोषी ठहराने की बजाय कहा कि मोदी ने राष्ट्रीयता का नारा देकर लोगों दिग्भ्रमित कर दिया.रघुबंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बीजेपी को हारने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकसाथ आना होगा .एक जह्न्दा बैनर और एक सिम्बल पर चुनाव लड़ना होगा. इस तरह की पहल पहले भी लालू यादव कर चुके हैं लेकिन गंभीरता से उसे आगे नहीं बढ़ा पाए विपक्ष के नेता.

आरजेडी के राष्ट्रिय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि रघुवंश बाबू ने जो कहा है, वो वैचारिक आधार पर कहा है, जिस वैचारिक का जिक्र 2014 और 2015 में आरजेडी प्रमुख लालू जी किया करते थे. उन्होंने आरजेडी-जेडीयू के साथ आने की संभावना पर कहा कि मैं उस संभावना से इनकार नहीं कर रहा हूं, लेकिन हमारी प्राथमिकता है अपने दल को सुदृढ़ करना.

आरजेडी सांसद ने कहा कि सांकेतिक हिस्सेदारी की बात हमने पहली बार सुनी है. हिस्सेदारी या तो होती है या नहीं होती है. सांकेतिक हिस्सेदारी नाम की चीज नहीं होती. यह हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है.मनोज झा ने कहा कि नीतीश ने बिहार में जाकर एक संदेश दे दिया है. हालांकि हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है, लेकिन हम दूर खड़े होकर सामाजिक विस्तरीकरण पर जोर दे रहे हैं. पार्टी को मजबूत करने की हमारी कोशिश है.

बता दें कि सोमवार को आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में अगर जीत हासिल करनी है और बीजेपी को पछाड़ना है तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा. इसके साथ ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि इन गैर भाजपाई पार्टियों में नीतीश कुमार भी शामिल हैं.

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