प्रशांत किशोर के गांव कोनार में है जश्न का माहौल, लोग बांट रहे मिठाइयां
सिटी पोस्ट लाइव (सोमनाथ पाण्डेय ) : प्रशांत किशोर के आज से जेडीयू में शामिल होने को लेकर उनके सासाराम जिला स्थित गावं कोनार में जश्न का माहौल है. गावं के लोग प्रशांत किशोर के राजनीतिक पारी की शुरुवात से बेहद खुश हैं. गावं भर में मिठाइयाँ बांटी जा रही है. यह उस गावं की तस्वीर है, जहाँ प्रशांत किशोर का पुश्तैनी घर है. प्रशांत किशोर यहाँ कभी रहे नहीं. लेकिन यहाँ के लोग उनके ऊपर फक्र मह्सुश करते हैं.गावं के लोगों का कहना है कि अबतक दूसरे दलों को जीत दिलानेवाले प्रशांत किशोर अब खुद राजनीति में आ गए हैं तो कुछ ख़ास करेगें. कोनार के विभूति नारायण पाण्डेय कहते हैं- प्रशांत किशोर बिहार के गौरव हैं. उन्होंने कोनार गावं को ही नहीं बल्कि बिहार को गौरवान्वित किया है. उनके उज्जवल राजनीतिक भविष्य की गावं के लोग कामना करते हैं.41 साल के प्रशांत किशोर का पुश्तैनी गावं तो कोनार है.लेकिन उनका जन्म 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ. यहीं पर उनके पिता डॉक्टर हैं. उनके पिता डॉ. श्रीकांत पांडेय बक्सर के जानेमाने चिकित्सक हैं. मां इंदिरा पांडेय हाउस वाइफ हैं. बक्सर के अहिरौली रोड में उनका मकान है.प्रशांत किशोर दो भाई है जिनमें से बड़े भाई अजय किशोर का खुद का कारोबार है. प्रशांत किशोर की दो बहनें भी हैं. प्रशांत किशोर की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बिहार में ही हुई है. उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा बक्सर से ही पास की. इंटर पटना से पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो बाहर चले गए.
प्रशांत किशोर के गावं के लोग प्रशांत किशोर का गांव में स्वागत और अभिनन्दन करना चाहते हैं.गावं के लोगों का कहना है कि प्रशांत किशोर गावं आयें उनकी यह दिली इच्छा है. उनके सम्मान में बहुत जल्द वो एक सम्मान समारोह का आयोजन करेगें. गावं के रविन्द्र पाण्डेय कहते हैं कि देश दुनिया में चाहे वो जितना भी मान-सम्मान हासिल कर लें लेकिन गावं का सम्मान सबसे ज्यादा ऊपर होता है. उसका अलग महत्त्व है.गावं वालों को प्रशांत किशोर के गावं आने का बेसब्री से इंतज़ार है.
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