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प्रशांत किशोर ने बदल दी है बिहार की पाॅलटिक्स, दिलचस्प हो गया है चुनावी खेल

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प्रशांत किशोर ने बदल दी है बिहार की पाॅलटिक्स, दिलचस्प हो गया है चुनावी खेल

सिटी पोस्ट लाइवः जेडीयू से निकाले जाने के बाद जब प्रशांत किशोर ने यह एलान किया था कि वे पटना आकर अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे तो कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे। दिल्ली चुनाव से निपटने के बाद जब प्रशांत किशोर 18 फरवरी को पटना पहुंचे तो सीएम नीतीश कुमार पर नाॅन स्टाॅप हमला किया। 18 फरवरी के बाद प्रशांत किशोर को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल खासी तेज हो गयी। जेडीयू-बीजेपी ने पीके पर पलटवार किया लेकिन उतना नहीं जितनी उम्मीद थी। कहा गया यह रणनीति है कि पीके को तरजीह न दी जाए लेकिन दूसरी तरफ विपक्ष ने ‘पीके’ को हाथोंहाथ लिया।

सबसे पहले रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार के हित की बात कर रहे हैं। बाद में कांग्रेस और ‘हम’ ने ‘पीके’ के समर्थन में बयान दिया। बिहार के सियासी गलियारों में 18 फरवरी के बाद से यह सवाल लगातार टहल रहा है कि बिहार में प्रशांत किशोर की एंट्री से बिहार की राजनीति कितनी बदल जाएगी और बिहार विधानसभा चुनाव पर उसका क्या असर होगा? दरअसल बिहार में प्रशांत किशोर की एंट्री से बिहार की राजनीति बदलती नजर आ रही है बदलाव इस कदर है कि बिहार की सियासत में बहुत कुछ दिलचस्प होने के संकेत मिलने लगे हैं। बिहार के तमाम राजनीतिक दल विकास की बात करने लगे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रोजगार और विकास की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी और बिहार की सत्ता में साझीदार लोजपा के जो तेवर हैं उससे भी एनडीए के अंदरखाने गर्माहट बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान लगातार विकास की बात कर रहे हैं और कई बार उनके बयानों से ऐसा लगता है जेसे वे प्रशांत किशोर के सुर में सुर मिला रहे हों या फिर नीतीश कुमार को आईना दिखा रहे हों। चिराग पासवान ने कहा है कि बिहार में विकास हुआ है लेकिन बिहार को और विकास की जरूरत है। चिराग पासवान ‘बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट’ यात्रा पर हैं इस दौरान वे बिहार को नंबर वन राज्य बनाने की बात कर रहे हैं। बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वे हड़ताल पर है। चिराग पासवान ने नियोजित शिक्षकों की समस्या को अपने विजन डाम्क्यूमेंट में शामिल करने की बात कही है। चिराग पासवान बिहार में दारोगा बहाली मामले की सीबीआई जांच के लिए सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिख चुके हैं। चिराग पासवान किसानों की समस्याओं पर खुलकर बोल रहे हैं। उनपर आरोप लग रहा है कि वे प्रेशर पाॅलटिक्स कर रहे हैं। जेडीयू-बीजेपी पर सीटों को लेकर दबाव बनाने के लिए उन्होंने अभी से अपने तेवर गरम कर लिये हैं।

दरअसल बदलाव यही है। चिराग के तेवर से एनडीए के अंदरखाने गहमागहमी बढ़ी हुई है और मौजूदा वक्त बीजेपी-जेडीयू बैकफुट पर नजर आ रही है। जाहिर है संकेत साफ है कि प्रशांत किशोर ने बिहार आकर विकास का जो राग छेड़ा है या फिर बात बिहार की अभियान की शुरूआत की है उसका असर बिहार की सियासत पर पड़ा है और जब बीजेपी-जेडीयू के सहयोगी लोजपा के सुप्रीमो चिराग पासवान कई मौकों पर यह संकेत दे रहे हैं कि वे कई मुद्दों पर नीतीश कुमार की मुश्किल साबित हो रहे हैं तो जाहिर है बिहार में चुनावी खेल भी बहुत दिलचस्प हो गया है।

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