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BJP कार्यालय के बाहर पप्‍पू यादव ने बेचे 35 रूपये किलो प्‍याज, कहा-सरकार दे सब्सिडी

32000 मेट्रिक टन प्याज सड़ने की जांच न्यायालय की देखरेख में हो

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BJP कार्यालय के बाहर पप्‍पू यादव ने बेचे 35 रूपये किलो प्‍याज, कहा-सरकार दे सब्सिडी

सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज पटना में भाजपा कार्यालय के बाहर प्रति किलो 35 रूपये में गरीब लोगों के बीच प्‍याज बेचा। पप्पू ने प्याज की बिक्री के लिए नया तरीका ढूंढा और जमाखोरी व महंगाई की खिलाफत करते हुए न सिर्फ भाजपा-लोजपा कार्यालय के बाहर प्‍याज बेचा, बल्कि केंद्र और राज्‍य सरकार से प्‍याज पर सब्सिडी देने की भी मांग कर दी। इसके अलावा पप्‍पू यादव ने घोषणा करते हुए ये भी कहा कि अगर किसी गरीब के घर में शादी है तो उसे 35 रुपये में 10 किलो प्याज उपलब्‍ध करायेंगे।

वहीं, पप्‍पू यादव ने प्‍याज और महंगाई के मामले में एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि क्या इस सरकार में सिर्फ मंदिर पर चार हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे? क्या गरीबों के लिए कुछ नहीं होगा? उन्‍होंने कहा कि अगर नीतीश सरकार हरियाली योजना पर 24000 करोड़ खर्च कर सकती है, तो आम जनों के लिए राज्य सरकार प्‍याज भी सस्‍ते दरों पर उपलब्ध करा सकती है। तत्काल हरियाली यात्रा को रोक कर नीतीश जी महिलाओं के आंखों में आंसू को पोछने का काम कीजिए क्योंकि महंगाई से लोग बेहाल है।

उन्‍होंने प्‍याज के बहाने राजनीति करने के सवाल पर कहा कि अगर जनता की सेवा करना राजनीति है, तो मुझे यही राजनीति करनी है। जिन्‍हें कुर्सीकी राजनीति करनी है, वही तो जमाखोरों को बचाने में लगे हैं आखिर क्या कारण है कि 32000 मेट्रिक टन प्याज सड़ जाता है लेकिन इसके कारणों को केंद्र सरकार क्यों नहीं बता पाती है यह कहीं ना कहीं बड़े घोटाले का संकेत है और इसमें मंत्री से लेकर संतरी तक शामिल है। घोटाले की सच्चाई को सामने लाने के लिए न्यायालय की देखरेख में उच्च स्तरीय जांच समिति बनाए जाने की मांग की है, केंद्र सरकार प्याज सड़ने से पहले आम लोगों के बीच प्याज को पहुंचाने की व्यवस्था की होती तो शायद आज यह स्थिति नहीं देखने को मिलती और इसे अगर राजनीति कह रहे हैं तो आम आदमी की भलाई के लिए वे भी ऐसी राजनीति करे जिससे आम लोगों का भला हो जाए।

वाह रे भाजपाइयों प्याजब सडा सकते हो लेकिन जनता को सस्ते दामों पर नहीं दे सकते यह कौन सी नीति है? गौरतलब है कि पप्पू यादव की ये घोषणा ऐसे वक्त आई, जब बिस्कोमान ने प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने का हवाला देकर सस्ते दर से प्याज न बेचने का निर्णय लिया है। मालूम हो कि बिहार में प्याज की कीमत खुदरा बाजार में 80 से 90 रुपए है। इन्होंने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि एकाएक बिस्कोमान ने ₹35 प्याज का वितरण कार्य बंद कर दिया इसे बिस्कोमान और बिहार सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।

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