बिहार में सियासी चाल में फंसा योगा ,बीजेपी की जोरशोर की तैयारी ,जेडीयू ने किया किनारा
बीजेपी ने कहा कि बिहार में योग दिवस मनाएं लोग, जदयू का अलग राग- घर में भी कर सकते हैं
सिटी पोस्ट लाईव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ़ कर दिया है कि अपने सेक्यूलर क्रेडेंशियल को ताक पर रखकर वो सत्ता में बने रहने को तैयार नहीं. 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम से जेडीयू के किनारा किये जाने को नीतीश कुमार के इसी सन्देश से जोड़कर देखा जा रहा है.योग दिवस को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. योग दिवस को भी बिहार में पूरी तरह से सियासी बना दिया गया है. योग दिवस को लेकर बिहार में बीजेपी के नेता काफी उत्साहित हैं.दिन रत इसकी तैयारी में जुटे हैं.वो लोगों से योद दिवस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील कर रहे हैं.लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी जेडीयू ने योग दिवस से किनारा कर लिया है.जेडीयू नेताओं का कहना है कि योग लोग कहीं भी कर सकते हैं. घर में भी योग को किया जा सकता है फिर कार्यक्रम जाने का कोई मतलब नहीं.
जेडीयू के बरिष्ठ नेता ,प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि योग को किसी के पार्टिसिपेशन से नहीं जोड़ना चाहिए. योग को तो लोग अपने घरों में करते ही हैं. योग हमारे देश की संस्कृति का एक अंग रहा है और योग शिविर में तो सीमित संख्या में लोग जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान सही है. लेकिन जरूरी नहीं है कि योग मैदान में ही जाकर करें. योग को कहीं भी किया जा सकता है.जाहिर है जेडीयू के नेता योग दिवस में शामिल होकर अल्पसंख्यकों को नाराज नहीं करना नहीं चाहते.
बुधवार को योग दिवस की पूर्व संध्या पर डिप्टी सुशील मोदी ने कंकड़बाग स्टेडियम का जायजा लिया. लोगों से योग दिवस पर एक साथ योग करने की अपील की. वहीं पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने योग दिवस को लेकर कहा कि सभी को योग करने की जरूत है. पीएम मोदी ने इसे जन-जन तक पहुंचाया है, अब सभी लोगों को साथ आने की जरुरत है. जबकि, मंगल पांडेय ने कहा कि योग किसी धर्म और जाति का नहीं है. पीएम मोदी ने योग को पूरी दुनिया मे मान्यता दिलाई.लेकिन जेडीयू को यह योग दिवस सुहा नहीं रहा.
योग को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच यह दूरी पहलीबार नहीं दिख रहा. पिछले तीन साल से जेडीयू ने योग दिवस से अपनी दूरी बनाए रखा है.लेकिन इस बार बिहार में एनडीए की सरकार है और उसमे जेडीयू भी शामिल है ,ऐसे में सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का भाग नहीं लेना सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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