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नीतीश कुमार का काम दिखता ही नहीं, बोलता भी है : आरसीपी सिंह

नीतीश कुमार ने स्थापित किया गवर्नेंस का मानक: आरसीपी सिंह

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सिटी पोस्ट लाइव : जदयू के विधानसभावार वर्चुअल सम्मेलन के आठवें दिन राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह के नेतृत्व में बेगूसराय जिला के बछवाड़ा एवं तेघड़ा तथा समस्तीपुर जिला के वारिसनगर एवं मोरवा विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन का आयोजन हुआ।  इस दौरान अपने संबोधन में  आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमलोग तीन विधानसभा चुनाव के बाद चौथी बार भी शान से चुनाव में जा रहे हैं। यह असाधारण उपलब्धि है। यह उनके दूरदर्शी और शानदार नेतृत्व की बदौलत है। उनका काम दिखता ही नहीं बोलता भी है। बिहार की जनता चौथी बार भी उन्हें सेवा का मौका देगी इसमें कोई दो राय नहीं। हमें बस यह सुनिश्चित करना है कि हमारी जीत का फासला अधिक से अधिक हो।

आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि लोकतंत्र का पौधा बहुत नाजुक होता है। इसे धूप, बारिश, सर्दी सबसे बचाना होता है और राजनीति में ये सारे मौसम हमारे विचारों से जुड़े होते हैं।  नीतीश कुमार ने इस लोकतंत्र को बिहार में सहेजने का काम किया है। बिना किसी भेदभाव के समावेशी विकास का मार्ग उन्होंने प्रशस्त किया है। उन्होंने एक भी ऐसा कानून नहीं बनाया जो संविधानसम्मत न हो। दूसरी ओर जिन्होंने संविधान को पढ़ा तक नहीं वे संविधान बचाओ यात्रा निकालते हैं।

आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में गवर्नेंस का मानक स्थापित किया है। थ्री ‘सी’ (क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म) पर उन्होंने लगातार करारा प्रहार किया है। पहले अपराधी खुलेआम कानून को ठेंगा दिखाते थे। गाड़ी से राइफल की नाल निकालकर चलते थे। भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया था। जाति और धर्म के नाम पर तनाव साधारण बात थी। श्री नीतीश कुमार ने इन तीनों ‘सी’ पर लगाम लगाकर न्याय के साथ विकास को सुनिश्चित किया।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री  नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार आपदा को भी अवसर में बदल देते हैं। कोरोना रूपी वैश्विक आपदा के दौर में भी उन्होंने बिहारवासियों की जैसी उदारता और संवेदनशीलता के साथ सेवा की है वो अभूतपूर्व है। इस दौरान 15 लाख 30 हजार 861 लोग क्वारंटाइन सेंटर में आवासित हुए और प्रत्येक व्यक्ति पर 5300 रुपए खर्च किए गए। एक ओर हमारे नेता दिन-रात कोरोना की चुनौती का सामना करने में लगे हैं, दूसरी ओर विपक्ष के लोग राजनीति रूपी कोरोना से ग्रस्त हैं। वे कोरोना से नहीं, हमसे लड़ने में लगे हैं।

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