सिटी पोस्ट लाइव : 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर लेफ्ट ने अभी से बिहार की छह सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. लेफ्ट ने जिन सीटों पर दावा किया है उनमें बिहार की बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी, खगड़िया, बांका, गया या जमुई सीट शामिल है. सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने जेएनयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की भी पुष्टि करते हुए कहा कि कन्हैया का चुनाव लड़ना तय है और लेफ्ट के सभी दलों ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दे दी है. सत्यनारायण के मुताबिक लेफ्ट के सभी दलों के साथ-साथ इस मसले पर राजद और कांग्रेस की भी सहमति मिली है.
उन्होंने कहा कि एनडीए के खिलाफ तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार स्टार प्रचारक होंगे. इसको लेकर आरजेडी और कांग्रेस से बात हो रही है. उन्होंने बताया कि बिहार में राजद विपक्ष की धुरी है और हम सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले कन्हैया कुमार के बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. अंदरखाने से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक कन्हैया कुमार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. मंगलवार को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के दिल्ली में हुए कार्यक्रम से भी इस बात के संकेत मिले हैं.
लेफ्ट से संभावित उम्मीदवार और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मूलत: बेगूसराय के ही रहने वाले हैं.कन्हैया का घर बेगूसराय के बीहट गांव में है जो तेघरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. तेघरा को कभी मिनी मास्को भी कहा जाता था. 1962 के बाद से 2010 तक यह सीट सीपीआई के कब्जे में रही. कन्हैया खुद भूमिहार जाति से हैं जिसका दबदबा इस सीट पर शुरू से रहा है.
लगभग 17 लाख मतदाताओं में भूमिहारों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग, मुसलमान और अनुसूचित जातियों की संख्या है. ओबीसी में कुशवाहा यानी कोईरी की संख्या सबसे ज्यादा है. भूमिहारों का वर्चस्व मटिहानी, बेगूसराय और तेघरा विधानसभा सीटों पर है.लेकिन कन्हैया के सहारे बेगूसराय में लेफ्ट की वापसी कितनी आसान होगी, कह पाना मुश्किल है.
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