BJP के चहेते हैं चिराग पासवान, बैकफूट पर आये संजय पासवान-सुशील मोदी.
संजय पासवान के बदले सुर, सुशील मोदी ने डिलीट किया अपना ट्वीट, जानिये इनसाइड स्टोरी.
सिटी पोस्ट लाइव :चिराग पासवान के तल्ख़ तेवर से और बीजेपी के नेता संजय पासवान और सुशील मोदी के पलटवार से भले ये लग रहा है कि चिराग NDA से अलग हो सकते हैं और महागठबंधन के साथ जा सकते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है.चिराग पासवान ने जब तेजस्वी यादव की तरह कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव टालने की मांग कर दी तो बिहार बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान और उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उनके ऊपर हमला बोल दिया.लेकिन कुछ ही घंटे में तस्वीर बदल गई.संजय पासवान रामविलास पासवान का गुणगान करते दिखे और सुशील मोदी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.
संजय पासवान ने कहा था कि JDU और बीजेपी को चिराग पासवान की दरकार नहीं है.BJP-JDU सरकार बनाने में सक्षम है.इसी तरह से सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया-“विधानसभा चुनाव समय पर हों या टल जाएँ, एनडीए आयोग के निर्णय का पालन करेगा. हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं, लेकिन जैसे कमजोर विद्यार्थी परीक्षा टालने के मुद्दे खोजते हैं, वैसे ही कुछ दल चुनाव टालने के लिए दबाव बना रहे हैं.”
लेकिन कुछ ही घंटे में संजय पासवान के सुर बदल गए.वो रामविलास पासवान को देश का सबसे बड़ा दलित नेता बताने लगे वहीं सुशील कुमार मोदी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. नये सिरे से ट्वीट किया जिसमे उन्होंने सिर्फ आरजेडी पर हमला बोला.सूत्रों के अनुसार अमित शाह की फटकार से सबकुछ हुआ.जाहिर अमित शाह चिराग पासवान को नाराज नहीं करना चाहते हैं या फिर चिराग पासवान का जो स्टैंड है, वहीँ बीजेपी का भी स्टैंड है.सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान BJP के साथ खड़े हैं.BJP ने उनकी पार्टी के इंटरेस्ट को प्रोटेक्ट करने का भरोसा दिलाया है.चिराग पासवान बीजेपी से नाराज होकर नहीं बल्कि बीजेपी की रणनीति पर ही काम कर रहे हैं.
एलजेपी के नेता बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी ने सिटी पोस्ट लाइव से ख़ास बातचीत में जिस तरह से कहा कि चिराग पासवान तो तेजस्वी यादव का नाम भी सुनना चाहते साथ जाने की बात तो दूर.जाहिर है चिराग पासवान के तल्ख़ तेवर नीतीश कुमार पर दबाव बनाने के लिए है ना कि NDA से बाहर जाने का संकेत है. इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी को माइनस कर बिहार में NDA महागठबंधन का मुकाबला नहीं कर सकता.रामविलास पासवान जहाँ भी जाते हैं, उनके समर्थक भी उनके साथ चले जाते हैं.अगर वो NDA छोड़कर महागठबंधन के साथ चले गए तो NDA की मुश्किल बढ़ जायेगी.
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