सिटी पोस्ट लाइव :बिहार कांग्रेस के अंदर घमाशान जारी है.सदाकत आश्रम से लेकर पुरे प्रदेश में कांग्रेसी कार्यकर्त्ता बवाल काट रहे हैं.शुक्रवार को जमुई जिला कांग्रेस कार्यालय (District Congress Office) में प्रदेश प्रभारी समेत कई बड़े नेता की मौजूदगी में ही कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. काफी देर तक हंगामा होते रहा. पार्टी के जिला कार्यालय में आयोजित किसान सत्याग्रह पदयात्रा (Kisan Satyagraha Padyatra) कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) भी मौजूद थे. लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके सामने ही जमकर हंगामा करते रहे.
कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई तक की नौबत तक आ गई. बाद में कांग्रेसी नेताओं के समझाने पर मामला सामने शांत हुआ. सत्याग्रह पदयात्रा के कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक बंटी चौधरी और सिकंदरा इलाके के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. पूर्व विधायक बंटी चौधरी ने कांग्रेसी कार्यकर्ता धर्मेंद्र पासवान का निर्दलीय चुनाव लड़ने का मामला उठाया, इसी बात पर जमकर हंगामा हुआ.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास इन दिनों बिहार के जिलों के दौरे पर हैं. किसान सत्याग्रह पदयात्रा कार्यक्रम के तहत बिहार प्रभारी शुक्रवार को जमुई पहुंचे थे. इस वजह से जिला कांग्रेस भवन में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था. कार्यालय के बरामदे में किसान सत्याग्रह कार्यक्रम चल रहा था. कार्यक्रम के शुरू में ही सिकंदरा के पूर्व विधायक बंटी चौधरी ने सिकंदरा इलाके के एक कांग्रेसी कार्यकर्ता धर्मेंद्र पासवान पर विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह अपनी नाराजगी जाहिर की. पूर्व विधायक बंटी चौधरी ने यह विरोध किया कि जब पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था, तो कोई कार्यकर्ता उनके खिलाफ निर्दलीय कैसे लड़ गया. इसी बात पर दूसरे खेमे के कार्यकर्ताओं ने भी पूर्व विधायक की बात का विरोध किया. जिसको लेकर दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए और फिर जमकर हंगामा हुआ.
हंगामे की वजह से बैठे हुए लोग भी खड़े हो गए और बरामदे में पहुंच गए. लगभग 45 मिनट चले हंगामे में हाथापाई तक की नौबत आ गई थी. लेकिन पार्टी के नेताओं के बीच-बचाव के बाद मामला शांत हुआ. पदयात्रा पर जाने से पहले इस मामले के बारे में जब बिहार प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह पार्टी के अंदर की बात है. कार्यकर्ताओं में कुछ नाराजगी थी, मतभेद था, जिसे खत्म कर दिया गया है.
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