आजसू पार्टी में अब नेता नहीं चूल्हा प्रमुख होंगे चुनाव के दारोमदार : सुदेश
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि नेता नहीं चूल्हा प्रमुख ही चुनाव के दारोमदर होंगे। झारखंडी विचारों, और विषयों को सामने रखकर हमें जनादेश हासिल करना है। और इस जनादेश में जनसाधारण की आवाज साफ सुनाई पड़े। अब तक जनसाधारण को मतदामन का हिस्सा भर समझा जाता है। हमने इस धारणा को बदलने के ल्एि चूल्हा प्रमुखों को अहम जिम्मेदारी दी है। आज तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के सलगाडीह में पार्टी के चूल्हा प्रमुखों के सम्मेलन में आजसू अध्यक्ष ने ये बातें कही। इस सम्मेलन में दस हजार चूल्हा प्रमुख शामिल हुए। श्री महतो ने कहा कि नेता चुनाव में माहौल बनाते हैं, पर चुनाव बूथ के कार्यकर्ता ही जीत सकते हैं। इसलिए हमनें बूथ के कार्यकर्ताओं और चूल्हा प्रमुखों का दायित्व बड़ा कर दिया है। पार्टी में पदाधिकारी तो कोई भी बन सकता है, लेकिन चूल्हा प्रमुख और साधारण कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी की रणनीति को सफल करने वाला ही हमारे लिए सबसे बड़ा पदाधिकारी होगा। सुदेश कुमार महतो ने कहा कि तमाड़ विधानसभा क्षेत्र आजसू पार्टी के 2019 के मिशन में सबसे ज्यादा समर्थन देने वाला साबित हो, इसके लिए एक-एक कार्यकर्ता को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। दस हजार लोगों का यह जुटान इसी मेहनत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एक चूल्हा प्रमुख पर पांच-छह घरों से सीधा संवाद और रिश्ता बनाने की जिम्मेदारी है। यह रिश्ता सिर्फ चुनाव तक का नहीं होगा। अगले पांच साल के लिए होगा। उन पांच घरों को विकास की मुख्य धारा से कैसे जोड़े जाएं, उनका मत और विचार कैसे विधानसभा में गूंजे, यह हक और अधिकार चूल्हा प्रमुख का होगा। चुनाव जीतने वाला उनका हुक्म बजाएगा। महतो ने कहा कि बूथ के कार्यकर्ता अथवा चूल्हा प्रमुख की जिम्मेदारी बूथों पर मतदाता पर्ची बांटने तक सीमित नहीं होगी। मतदाताओं को ये पर्ची तो मतदान में जुटे सरकारी कर्मचारी पहुंचाते हैं। बूथ कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी होगी कि चुनाव के जरिए राजनीति का तानाबाना बदलना। जिससे समर्थकों और वोटरों को अहसास हो कि आजसू पार्टी ने परिपाटी बदलने का अहम निर्णय लिया है, तो वह उस पर कायम भी है। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ देवशरण भगत, पार्वती देवी, राम दुर्लभ सिंह मुण्डा, विजय मानकी, जीप सदस्य रमनी बाला, फुल कुमारी, बाल कृष्ण मुण्डा, बुण्डु प्रमुख परमेश्वरी सांडिल्य, केशव महतो, सुधा मुण्डू, उमेश नायक, हरिहर महतो, जगदीश महतो, हीरा दास, शिवनाथ मुण्डा, देवनारायण सिंह, दुती मुण्डा, नीरज सिंह इत्यादि उपस्थित थे।
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