सिटी पोस्ट लाइवः सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच के लिए मुंबई गये बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को बीएमसी ने जबरन क्वेरेंटाइन कर दिया। हांलाकि बिहार के डीजीपी इसको हाउस अरेस्ट कहते रहे हैं। बिहार के सीएम और डीजीपी ने इसे गलत बताया है। डीजीपी ने कहा कि विनय तिवारी मुंबई पुलिस को सूचना देकर जांच के लिए मुंबई गये थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी आईपीएस अधिकारी को क्वेरेंटाइन किये जाने को गलत बताया और बीएमसी को फटकार लगायी।
दूसरी तरफ बिहार पुलिस ने बीएमसी को एक चिट्टी लिखी और विनय तिवारी को छोड़ने के लिए कहा। बीएमसी ने विनय तिवारी को छोड़ने से मना कर दिया तो अब एक बार फिर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी नाराजगी जतायी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है-‘ माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ये गंभीर टिप्पणी की गयी है कि बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को मुंबई में जबरदस्ती कोरेंटीन किया जाना गलत है फिर भी बीएमसी ने उन्हें अभी तक मुक्त नहीं किया है। वे सुप्रीम कोर्ट की भी परवाह नहीं करते! अब इसको आप क्या कहेंगे??? अफसोस!’
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