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तेजस्‍वी पर BJP का हमला, औरंगजेब की तरह लालू-राबड़ी से दूरी क्‍यों?

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले तेजस्वी यादव की लालू राबडी के पंद्रह साल के शासन की बदनामी की छाया से बाहर निकालने की तेजस्वी यादव की कोशिश को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है.RJD  के नए पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ गया है. पोस्टर पर अपनी अकेली तस्वीर को लेकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) विरोधियों के निशाने पर हैं. चुनाव से पहले बिना लालू प्रसाद यादव के RJD  के इस पोस्टर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इसे कोई इसे तेजस्वी का अहंकार बता रहा है, तो कोई इसे लालू की छवि से दूर जाने की तेजस्वी की कोशिश.

बीजेपी के  प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने RJD के पोस्टर से लालू राबडी की तस्वीर हटाये जाने को  लेकर तेजस्वी पर बड़ा हमला बोल दिया है.संजय जायसवाल ने कहा है कि तेजस्वी यादव को देखकर औरंगजेब की याद आती है. स्वर्गीय रघुवंश बाबू के साथ उन्होंने जो किया, वो तो सबको याद ही होगा. लेकिन अपने पिता और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ वह क्या करना चाहते हैं, यह थोड़ा शोध का विषय है. आप कहीं भी देख लीजिए, तेजस्वी के अलावा किसी का चेहरा आरजेडी के पोस्टर पर नहीं लगता और लालू प्रसाद पूरी तरह से गायब हैं. आखिर, तेजस्वी का एजेंडा क्या है, वे उस चेहरे से क्यों भाग रहे हैं, जो उनके पिता भी होते हैं.

संजय जायसवाल ने कहा कि क्या तेजस्वी अपनी विरासत पर शर्मिंदा हैं. अगर उन्हें लगता है कि उनके पिता और माता के शासनकाल में जो कांग्रेस के साथ मिलकर कुशासन और अराजकता का निर्माण किया गया, वह शर्मिंदगी की वजह है तो उन्हें पूरे राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए, न कि छद्म आवरण में राजनीति करनी चाहिए. तेजस्वी का खुद अपने परिवार से घमासान चल रहा है, यह जानी हुई बात है. तेजप्रताप और मीसा का उनसे छ्त्तीस का आंकड़ा चल रहा है. तेजस्वी अपनी पार्टी के एकछत्र नेता बन गए हैं, जिनको लोकतंत्र से चिढ़ है. वह उस औरंगजेब की तरह हो गए हैं, जिसको न तो किसी पर भरोसा है, न वह किसी की बात सुनता है और न ही वह अपने सामने किसी को बढ़ने देना चाहता है.

बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि तेजस्वी की राजनीति से ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता के लिए अब वह लालू से पीछा छुड़ाना चाहते हैं.RJD के अन्य सूत्रधारों से उनकी प्रतिद्वंदिता तो पहले ही जगजाहिर थी, लेकिन अब अपने पिता के साथ उनका यह व्यवहार उनके अति आत्मविश्वास और आसमान छूते अहंकार का परिचायक है जो बड़े बड़ों को ले डूबता है.

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