सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन इमारत ए शरिया द्वारा पिछले दिनों पटना में आयोजित ‘दीन बचाओ देश बचाओ’ कार्यक्रम को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है. गृह विभाग के अवर सचिव राधानंदन प्रसाद द्वारा पटना जिलाधिकारी को लिखा गया एक पत्र वायरल हुआ है .इस पत्र के अनुसार इस रैली के भीड़ प्रबंधन ,विधि व्यवस्था और जन-सुविधाओं हेतु सरकार द्वारा 40 लाख रुपये का आवंटन किया गया था .गौरतलब है कि पटना के गांधी मैदान में लाखों मुसलमान एकजुट हुए थे. मुस्लिम उलेमाओं ने सांप्रदायिकता के नाम पर जमकर पीएम नरेंद्र मोदी को कोसा था और मुसलमानों की समस्या के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था. सवाल अब यह उठाने लगा है कि क्या मोदी सरकार के खिलाफ मुस्लिमों की इस आयोजित रैली को बिहार सरकार का सहयोग और समर्थन था ?
यह विभागीय गोपनीय पत्र सिटीपोस्ट के हाथ लगा है जिससे साफ़ है कि बिहार सरकार के अवर सचिव राधा नंदन प्रसाद ने 40 लाख रुपये पटना के जिला अधिकारी को दिए थे. इस पैसे का खर्च ‘दीन बचाओ देश बचाओ’ रैली में आने वाले लोगों की भीड़ प्रबंधन, विधि व्यवस्था और सुविधाओं के लिए आवंटित किया गया. ‘दीन बचाओ देश बचाओ’ कार्यक्रम का अयोजन इमारत ए शरिया ने किया था. राज्य के मुसलमानों द्वारा शुरू से जेडीयू द्वारा आयोजित कराने का इल्जाम लगाया जाता रहा है. ये बात तब और पुख्ता हो गई जब कार्यक्रम के मंच से बीजेपी को जहां कोसा गया वहीं जेडीयू की तारीफ की गई.
कार्यक्रम के लिए नीतीश कुमार की ओर से सहयोग दिए जाने का शुक्रिया अदा किया गया. इतना ही नहीं कार्यक्रम के दिन ही’ दिन बचाओ देश बचाओ’ के कन्वेनर खालिद अनवर को नीतीश कुमार ने एमएलसी के तोहफे से नवाज दिया था. आरजेडी नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि जेडीयू के नीतीश कुमार का आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी संग दोबारा जाना बिहार के मुसलमानों को हजम नहीं हो रहा है. इसी के चलते मुसलमान आरजेडी के साथ जाता दिख रहा था. इसी के चलते जेडीयू नेताओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी. इसी मद्देनजर जेडीयू ने दीन बचाओ देश बचाओ कार्यक्रम का ताना बुना. इसी के चलते जेडीयू से जुड़े लोग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिन रात एक किए हुए थे. जेडीयू नेताओं ने रैली के लिए जगह-जगह होर्डिंग और पोस्टर भी लगाए थे, जिसके तहत मुसलमानों से लाखों की तादाद में गांधी मैदान में पहुंचने की अपील की गई थी. रैली के पीछे जेडीयू के होने की उस समय हकीकत साबित हुई जब कार्यक्रम के बाद ही नीतीश कुमार ने दीन बचाओ देश बचाओ के कन्वेनर खालिद अनवर को एमएलसी बनाने की घोषणा कर दी. कार्यक्रम का उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द और भाईचारे के खिलाफ खड़ी ताकतों के खिलाफ लोगों को सचेत करना था. पर उलेमा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने से बाज नहीं आए. और खालिद अनवर ने प्रधानमंत्री को कोसने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी का विधान परिषद् उम्मीदवार बनकर विपक्ष के इस आरोप पर मुहर लगा दी थी.
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