सिटी पोस्ट लाइव : जिस प्रकार केजरीवाल और उनकी टीम ने अन्ना हजारे के आन्दोलन से निकलकर आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई. उसी प्रकार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) से पढ़े 50 पूर्व छात्रों ने मिलकर बहुजन आजाद पार्टी (BAP) का निर्माण किया है. हालांकि अभी तक चुनाव आयोग से इस पार्टी की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन देर सवेरे मंजूरी मिल ही जाएगी. इस नई नवेली पार्टी के मुख्य सदस्य विक्रांत वत्सल का कहना है कि हम राजनीति के नए खिलाडी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम लोग आम आदमी पार्टी के फाउंडर मेंबर रह चुके हैं और जेल तक जा चुके हैं. चुनाव के वक्त हमलोगों ने पार्टी के लिए आईटी सेल और मीडिया विभाग में बढ़ चढ़कर काम किया है. इतना ही नहीं पर्दे के पीछे से चुनाव गतिविधियों के बारे में आप को जानकारी मुहैया कराया करते थे. लेकिन पार्टी का गठन जिस मकसद से किया गया था उससे वो भटक गई. लिहाजा हम लोगों को बहुजन समाज के लोगों के मुद्दे और उत्थान के लिए नयी पार्टी बहुजन आजाद पार्टी बनाना पड़ा.
विक्रांत वत्सल ने कहा कि समाज के पिछड़े वर्गों के लिए नौकरी छोड़ राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. हमलोगों ने अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी बनाई है. बता दें कि पार्टी बनाने वाले इन छात्रों में से ज्यादातर दलित वर्ग से ही हैं. पार्टी के सदस्य विक्रांत वत्सल का कहना है कि हम लोगों का मकसद बहुजन समाज को हक दिलाना हैं. हम लोग समाज के 85 फीसदी लोगों के लिए काम कर रहे हैं और 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़कर स्थिति को बदलेंगे. इस पार्टी के सभी लोग दलित और पिछड़े समुदाय से जुड़े हैं. इस पार्टी के एक्टिव सदस्यों में विक्रांत वत्सल, विद्रोही नवीन, सरकार अखिलेश, सिंह अजित कुमार, संपत कुमार बनौत, सुमित कमार का नाम शामिल हैं.
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