सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रामेश्वर उरांव ने लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए पेश आम बजट को पूरी तरह से निराशाजनक, महंगाई बढ़ाने व सिर्फ पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट बताया है। उरांव ने सोमवार को कहा कि आम बजट में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की पूरी तरह से अनदेखी की गयी। बजट में झारखंडवासियों को यह उम्मीद थी कि राज्य के जो चार जिले अब तक रेल आवागमन की सुविधा से वंचित है। उन जिलों में रेललाइन परियोजना को मंजूरी मिलेगी। राज्यवासियों को यह भी उम्मीद थी कि खनिज उत्पादक राज्यों की राॅयल्टी में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी, लेकिन बजट में झारखंड को अपेक्षित मदद नहीं मिलती दिख रही।
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उन्होंने कहा कि आज के बजट से सबसे बड़ी निराशा किसानों को हाथ लगी है। भाजपा नेता सिर्फ सात वर्षाें से किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे है, लेकिन उनके कल्याण और ऋण माफी की दिषा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। बजट में किसानों के साथ ही मजदूर वर्ग, व्यवसायी वर्ग और सूक्ष्म तथा लघु उद्योग को भी खासी निराशा हाथ लगी है। बजट से सबसे बड़ी उम्मीद सैलरी क्लास को रहती है, लेकिन उनकी उम्मीदें भी टूटी है। स्वास्थ्य, शिक्षा , मकान, स्वच्छ पेयजल और सड़क सहित अन्य आधारभूत सुविधा कराने में भी नाकामी हासिल हुई है। उन्होंने इस बजट को पूरी तरह से राजनीतिक बजट करार देते हुए कहा कि असम, पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन राज्यों के बजट में राशि का प्रावधान किया गया है, लेकिन जिस तरह से झारखंड-बिहार के लिए पूर्व में केंद्र सरकार की ओर से की गयी घोषणाएं हवा-हवाई साबित हुई। उसी तरह से उन राज्यों को भी अब ठगने की कोशिश की गयी है, लेकिन अब देश की जनता भाजपा नेताओं के झांसे में नहीं आने वाले है। उरांव ने कहा कि मनरेगा को लेकर बजट में किसी प्रकार की चर्चा भी नहीं करना इस देश के मजदूर विरोधी अपनी सोच को केंद्र की सरकार ने उजागर कर दिया है। झारखंड के मजदूरों को विशेष आघात पहुंचा है।
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