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RJD में कायम है तेजप्रताप का जलवा, लालू से मिलकर रुकवा दिया जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान

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RJD में कायम है तेजप्रताप का जलवा, लालू से मिलकर रुकवा दिया जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान

सिटी पोस्ट लाइव : लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एकबार फिर से पार्टी में अपना जलवा दिखा दिया है.तेजप्रताप यादव की वजह से ही RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह बुधवार को जिला अध्यक्षों के नाम का एलान नहीं कर सके. 5 फरवरी को जिलाध्यक्षों के नाम के ऐलान जगदानंद सिंह करने वाले थे लेकिन इस बीच लालू यादव से मिलकर तेजप्रताप यादव ने बाजी पलट दी.

दरअसल,स्थापना के 23 वर्ष बाद पहली बार RJD  जिलाध्यक्षों के पद पर यादवी दबदबे को कम करने वाली सूची जारी होनी थी. इस सूची में यादवों और मसलमानों की जगह अति-पिछड़ों और दलितों को जगह दी गई है.5 फरवरी को नए जिला अध्यक्षों के नाम की सूची जगदानंद सिंह जारी करनेवाले थे लेकिन वो कर नहीं सके. इसे लेकर दिन भर राजद कार्यालय में यह बहस जारी रही कि तेजस्वी की सहमति या तेजप्रताप के रांची दौरे, इनमें कौन कारण भारी पड़ा.

सूत्रों के अनुसार नयी सूची में तेजप्रताप यादव के करीबियों को जगह नहीं दी गई है. उनके सबसे करीबी देव्मुनी यादव तक का नाम नहीं है. तेजप्रताप यादव इस नयी सूची में अपने लोगों को जगह नहीं मिलने से नाराज थे.वो सीधे अपनी शिकायत लेकर रांची लालू यादव के दरबार में पहुँच गए. रांची में जिलाध्यक्षों के नाम के ऐलान से पहले  लालू यादव से मिलकर तेजप्रताप ने अपने कुछ खास समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग कर दी. ऐलान से ऐन वक्त पहले तेजप्रताप की पैरवी की वजह से जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान नहीं हो सका.

48 संगठन जिलाध्यक्षों में अभी यादव जाति के 23 अध्यक्ष है जिनमें नई व्यवस्था में 60 फीसदी का हटना तय है. यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव के पटना लौटने के बाद ही लिस्ट जारी करने का मन बनाया है. राजद के अभी बिहार में 48 संगठन जिला हैं. इस बार नौगछिया और बाढ़ जिला को जोड़कर इसे बढ़ाकर 50 किया जा रहा है.

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