56 फीसदी लोगों ने कहा, अपने वादों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार सही दिशा में काम कर रही है: सर्वे
सिटीपोस्टलाईव: मोदी सरकार के 4 साल ,फर्स्ट डिवीज़न से पास होने से चूक गए सरकार . मोदी सरकार के 4 साल भी पूरे हो चुके हैं.ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है कि मोदी फेल हुए या पास.एक सर्वे के अनुसार 56 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा जताते हुए मोदी सरकार को सेकंड डिवीज़न से पास कर दिया है.लोगों कहना है कि सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए सही दिशा में काम कर रही है.एक कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म द्वारा किए गए सर्वे में प्रत्येक 10 में से 6 लोगों का मानना है कि मोदी सरकार उम्मीदों पर खरी उतरी है या उससे आगे बढ़कर काम किया है.वहीं, सर्वे में शामिल करीब तीन-चौथाई लोगों ने पाकिस्तान से निपटने में सरकार की कार्यशैली का समर्थन किया है.
54 फीसदी से ज्यादा लोगों का कहना है कि टैक्स का आतंक घटा है और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना सफल रही है.सर्वे के मुताबिक आमतौर पर राजनीतिक प्रतिष्ठानों या सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति लोगों की अपेक्षाएं तेजी से घटी है. ऐसे में सरकार के लिए ये आंकड़े अच्छे संकेत हैं. इसी संगठन द्वारा पिछले 2 वर्षों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि सरकार के प्रदर्शन पर लोगों का भरोसा धीरे-धीरे घटा है. एजेंसी के अनुसार 2016 पोल में करीब 64 फीसदी लोगों का मानना था कि सरकार अच्छा काम कर ही है, इस साल यह आंकड़ा 57 फीसदी रहा.
मोदी सरकार के 4 साल ,फर्स्ट डिवीज़न से पास होने से चूक गए सरकार .लेकिन गनीमत है कि जीएसटी और नोटबंदी के कारण नहीं हुआ कोई नुकशान.लोगों का मानना है कि सकारात्मक पहलू देखें तो GST के कारण कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी दिखाई नहीं देती. करीब 32 फीसदी लोगों का कहना है कि GST लागू होने के बाद उनका महीने का खर्च या कीमतें घटी हैं. जबकि 60 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्होंने कीमतों में कोई बदलाव महसूस नहीं किया.सर्वे का कहना है, ‘इसका मतलब यह है कि GST और नोटबंदी के बाद कुछ हद तक कीमतें स्थिर रही हैं.’ इसे सरकार के लिए बड़े सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि सरकार के इन फैसलों की काफी आलोचना हुई थी.
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