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गेम चेंजर और किंग मेकर की भूमिका में हैं पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके समर्थक

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गेम चेंजर और किंग मेकर की भूमिका में हैं पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके समर्थक

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के सहरसा जेल में बन्द बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद को शिवहर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ाना,बिहार महागठबन्धन के लिए अब एक बड़ी चुनौती बन गयी है ।पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दूसरे चरण के मतदान में अपने समर्थकों को बिहार महागठबन्धन के खिलाफ चुनावी समर में उतार दिया ।शिवहर की सीट महागठबन्धन में राजद के खाते में चली गयी और बिहार कांग्रेस सहित देश के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने लवली आनंद की कोई सुधि नहीं ली ।पहले आनंद मोहन ने इंतजार किया कि कांग्रेस राजद को मनाकर शिवहर की सीट अपने पाले में लेकर,लवली आनंद को वहां से उम्मीदवार बना लेगी।

लेकिन बिहार में कांग्रेस पूरी तरह से लल-बबुआ बनकर राजद के इशारे पर नाचने को विवश दिख रही है । इस बात से नाराज आनंद मोहन समर्थकों ने बिहार के विभिन्न जिलों में बड़ी मीटिंग और सभा की जिसमें यह फैसला लिया गया कि जो आनंद मोहन की रिहाई की बात करेगा,आनंद मोहन के समर्थक बिहार में उनके साथ जाएंगे ।लेकिन आनंद मोहन ने जेल में बैठे-बैठे अजीब रणनीति बना डाली ।उन्होंने महागठबन्धन में हुए टिकट के खरीद-फरोख्त को अपने स्वाभिमान से जोड़ लिया और बिना किसी शर्त के फेज वाईज बिहार के किस सीट पर, किस पार्टी और उम्मीदवार को उनके समर्थक मदद करेंगे, की योजना बना डाली ।महागठबन्धन को सबक सिखाना आनंद मोहन का मकसद बन गया ।

पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि लवली आनंद शिवहर या काराकट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हैं ।लेकिन आनंद मोहन ने सभी राजनीतिक समीक्षकों की सोच को धता बता हुए,राजनीति की एक नई धरा बना डाली ।सबसे पहले तो यह तय किया गया कि लवली आनंद,इसबार कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ेंगी। कांग्रेस का इंतजार करते-करते, आनंद मोहन ने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में अपने राजनीतिक पत्ते खोल डाले ।उन्होंने सबसे पहले पुर्णिया सीट से जदयू प्रत्यासी संतोष कुशवाहा के पक्ष में अपने समर्थकों को चुनाव प्रचार करने और उनके पक्ष में अधिक से अधिक मतदान कराने का अपना फरमान जारी किया। 18 अप्रैल को पुर्णिया में मतदान सम्पन्न हुआ है। आनंद मोहन समर्थक इस फैसले से काफी खुश हुए और अति उत्साह से लवरेज होकर पुर्णिया के जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को भरपूर मदद की ।पुर्णिया से महागठबन्धन के कांग्रेस से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह उम्मीदवार हैं ।इसमें कोई शक नहीं है कि आनंद मोहन समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी के लिए पुर्णिया में काल बन गए ।

तीसरे चरण के मतदान में आनंद मोहन ने कोसी की दो सीटें मधेपुरा और सुपौल में जदयू प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का निर्देश अपने समर्थकों को दिया ।आनंद मोहन की इस घोषणा को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने सर आंखों पर लिया और कोसी के हर चुनावी सभा में पाँच से दस बार आनंद मोहन और उनके समर्थकों का शुक्रिया अदा किया ।नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की पार्टी बीपीपा और फेंड्स ऑफ आनंद का भी कई बार,अपने भाषण में जिक्र किया ।मधेपुरा की सभा में नीतीश कुमार ने लोजपा सुप्रीमों रविलास पासवान और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में बीपीपा और फेंड्स ऑफ आनंद के अधिकारी को मंच पर बुलाकर,उनका अभिनंदन किया और आनंद मोहन को शुक्रिया बोला ।नीतीश कुमार ने भरी सभा में कहा कि आनंद मोहन के समर्थन से वे काफी मजबूत हुए हैं ।आनंद मोहन की कुछ शिकायतें हैं,जिन्हें वे बहुत जल्द दूर करेंगे ।

आनंद मोहन समर्थकों ने मधेपुरा से जदयू के प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव और सुपौल से जदयू प्रत्याशी दिलेश्वर कामत की जमकर मदद की और भरपूर प्रचार-प्रसार किये ।मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में तो पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके बड़े बेटे चेतन आनंद ने भी कई इलाके में जाकर जदयू के पक्ष में वोट मांगे ।आनंद मोहन के समर्थकों ने कोसी की राजनीतिक हवा को ही पूरी तरह से बदलकर रख दिया। 23 अप्रैल को मधेपुरा और सुपौल में मतदान सम्पन्न हो गए ।राजनीतिक जानकार यह कह रहे हैं कि कोसी की दोनों सीटें, बिना किसी शक-शुब्बा के एनडीए के खाते में जाती दिख रही हैं ।मतदान के दिन,लवली आनंद और उनके बेटे चेतन आनंद ने मधेपुरा संसदीय क्षेत्र के विभिन्न बूथों पर घूम-घूमकर जायजा भी लिया ।

लवली आनंद और चेतन आनंद ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया ।मतदान करने के बाद लवली आनंद ने लोगों से कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें ।यह जनता का मौलिक अधिकार है ।अधिक से अधिक मतदान होने पर ही लोकतंत्र मजबूत होगा ।उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमलोगों ने मधेपुरा और सुपौल में जदयू को समर्थन दिया है ।वोट डालने के बाद लवली आनंद और उनका बेटा चेतन आनंद विभिन्न मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा वोट डालने की अपील भी की ।

जेडीयू के लिए मांगा वोट

लवली आंनद ने कहा कि महागठबंधन ने उनके साथ बड़ा धोखा दिया है ।वे इस अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं ।उनके लिए सबसे अधिक उनके पति आनंद मोहन का स्वाभिमान महत्वपूर्ण औरप्यारा है ।इस महा छल के लिए महागठबन्धन को धूल चटाना है ।यह पैसे वाले को पैराशूट से ले आते हैं ।आक्रोश जताते हुए उन्होंने कहा कि कब तक हमलोग राजनीति का यह गंदा तमाशा देखेंगे ।हमलोग लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं ।हम सभी लोगों को यह बता रहे हैं कि महागठबंधन दलालों की पार्टी का गठजोड़ है ।उन्होंने आग्रह किया कि आईए सभी लोग मिलकर जदयू को समर्थन दें ।

पूर्व सांसद आनंद मोहन और लवली आनंद के इस फैसले से महागठबन्धन की नींद हराम होनी तय है ।कोसी में महागठबन्धन की फजीहत हो चुकी है ।आनंद मोहन के समर्थन मात्र से ही पुर्णिया,मधेपुरा और सुपौल का माहौल बदल गया है,जो आनंद मोहन के बरकरार जनाधार का जिंदा और साबूत इश्तेहार है ।आनंद मोहन ने यह घोषणा की है कि उनके समर्थक फेज वाईज अपने समर्थन की घोषणा विभिन्य प्रत्याशी के लिए करेंगे ।इस छुपी-छुपाई घोषणा ने महागठबन्धन में पूरी तरह से खलबली मचा दी है ।राजद अभी अली अशगर फातमी और मंगनी लाल मंडल जैसे राष्ट्रीय नेता को गंवाकर बैकफुट पर है ।इसके अलावे लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव लालू-राबड़ी मोर्चा बनाकर राजद उम्मीदवारों की ही बखिया उधेड़ रहे हैं ।ऐसे में आनंद मोहन के समर्थकों का हमला,राजद और महागठबन्धन के लिए बेहद परेशानी का सबब बन रहा है ।

आनंद मोहन,इस चुनाव के आगे के चरण में किस प्रत्याशी को कहां से मदद करेंगे,इसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं ।वैसे एनडीए के अधिकतर प्रत्यासी आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद से समर्थन के लिए लगातार संपर्क साध रहे हैं ।लेकिन आनंद मोहन और उनके समर्थक,इस राज को अभी फास करना नहीं चाह रहे हैं ।वैसे राजनीतिक जानकारों की नजर,खासकर के शिवहर, मोतिहारी,काराकाट,औरंगाबाद, वैशाली मुजफ्फरपुर और महाराजगंज सीट पर जमी हुई है ।इन सभी सीटों पर आनंद मोहन का बड़ा जनाधार है ।इन सीटों पर आनंद मोहन का समर्थन,जीत की मजबूत सीढ़ी साबित होगी ।लेकिन बड़ा सच यह है कि बिहार की बची सारी सीटों को आनंद मोहन समर्थक प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं ।यानि यह स्पष्ट हो चुका है कि महागठबन्धन से धोखा खाने के बाद,इस चुनाव में आनंद मोहन और उनके समर्थक गेम चेंजर और किंग मेकर की भूमिका में हैं ।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “विशेष चुनाव विश्लेषण”

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