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ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले अब हो जाएँ सावधान, सरकार की नजर में हैं आप

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सिटी पोस्ट लाइव: ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले अब हो जाएँ सावधान, सरकार की नजर में हैं आप.अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करने के शौक़ीन हैं, तो अब सावधान हो जाइये. भारत में ऑनलाइन सस्ता सामान बेचने वाली कंपनी अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. भारत सरकार इन कंपनियों पर नजर रखने की तैयारी में है. सरकार ने इससे संबंधित एक ड्राफ्ट संबंधित पक्षों के समझ चर्चा के लिए पेश किया है. ऑनलाइन रिटेल सेक्टर को लेकर यह अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है.

 

 

आपको बता दें कि  ऑनलाइन शॉपिंग में अब तक भारी छूट हासि‍ल करने वालों के लिए यह खबर झटका साबित हो सकती है. सरकार अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म्स की ओर से दिए जाने वाले भारी डिस्काउंट पर नजर बनाए रखने की तैयारी कर रही है. ख़बरों के मुताबिक सोमवार को सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट को संबंधित पक्षों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया है. पॉलिसी के ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि इस तरह की छूट को एक निश्चित तारीख के बाद रोक जाना चाहिए ताकि सेक्टर का नियमन किया जा सके.

 

इस बिल को लाए जाने को लेकर सरकार के कई मकसद हैं। कंज्यूमर प्रॉटेक्शन और ग्रीवेंस रीड्रेसल, एफडीआई, डेटा की लोकल स्टोरेज, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विलय और अधिग्रहण के मसलों की बात भी इसमें कही गई है. जबकि आम लोगों से राय लेने के बाद इस विधेयक में बदलाव भी किए जाएंगे. साथ ही साथ इस बिल में सेक्टर के रेग्युलेशन के लिए एक रेग्युलेटर की नियुक्ति की भी बात कही गई है. फ‍िलहाल भारत में ई- कॉमर्स का मार्केट 25 अरब डॉलर का है, जबकि अगले दशक में इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इस सेक्‍टर में बढ़ती एक्‍ट‍िव‍िटी के चलते ग्‍लोबल फाइनैंशल और रिटेल प्‍लेयर्स, वॉलमार्ट, सॉफ्टबैंक, अलीबाबा, टाइग ग्‍लोबल और टेंसेंट जैसी कंपनियों ने भारत में न‍िवेश का फैसला लिया है. ड्राफ्ट पॉलिसी में कई खाम‍ियों पर लगाम लगाने का भी प्रस्‍ताव है.

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