सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराबबंदी नहीं थी तो लोग शराब पी-पीकर मरते थे. अब जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है तो भी लोग शराब पीने से मर रहे हैं. फर्क बस इतना है कि पहले लोग ज्यादा शराब पीने से मरते थे, लेकिन अब शराब नहीं मिलने के कारण और नकली शराब बेचने वालों के चक्कर में आकर जान गंवा रहे हैं. बता दें बीते दिनों मुजफ्फरपुर जिले में जहरीली शराब पीने से पांच की मौत की घटना सामने आई थी. जिसके ठीक नौ दिन बाद फिर जहरीली शराब पीने से दो युवकों की मौत हो गई है.
मृतकों की पहचान विशुनपुर गिद्धा के होटल संचालक गुड्डू साह और आगानगर के छोटू महतोके रूप में हुई है. गुड्डू ने शुक्रवार की देर रात एसकेएमसीएच और छोटू महतो ने मनियारी के एक अस्पताल में शनिवार की अहले सुबह दम तोड़ दिया. परिजनों ने आनन-फानन में दोनों के शव का दाह संस्कार भी कर दिया. इस बीच तीसरी मौत की चर्चा इलाके में तैरती रही. गुड्डू और छोटू माधोपुर सुस्ता स्थित एक ताड़ी दुकान से जहरीली शराब पीकर घर लौटे थे.
तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने निजी अस्पतालों में भर्ती कराया था. दोनों की मौत के बाद एएसपी ईस्ट ने छानबीन की. गुड्डू के परिजन ने भी पुलिस के समक्ष शराब पीने की बात कही है. जिसके बाद एसएसपी ने कर्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इलाके के चौकीदार को निलंबित कर दिया है. बड़ा सवाल है कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब पिने वालों की कमी नहीं है. जिसे जो मिल जाता है उसे ही गटक लेते हैं. जिसके बाद उसका परिणाम क्या होता है, ये इनदिनों मुजफ्फरपुर में देखने को मिल रहा है.
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