मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना में बड़ा फर्जीवाडा, सड़क बनी भी नहीं और लग गया बोर्ड
सड़क निर्माण कार्य का काम एक परसेंट भी नहीं, काम समाप्ति का लग गया बोर्ड
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पूर्व से ही घोटाले पर घोटाले खूब होता रहा है और सरकारी राशि की बंदरबांट किया जाता रहा है । इसी घोटाले के मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जेल की हवा खा रहे हैं , लेकिन एक ऐसा घोटाला हुआ है जिससे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नाम पर 52 लाख रुपये की आवंटित किया गया था । वो भी पिछले वर्ष ही निर्गत हुआ था और पिछले वर्ष ही सड़क की कार्य को पूर्णतया समाप्ति करना था। मगर अब सड़क निर्माण कार्य समाप्ति की अवधि दो महीने से ऊपर हो चुका है लेकिन सड़क निर्माण कार्य का काम एक परसेंट भी नहीं हुआ है । लेकिन सड़क निर्माण कार्य समाप्त होने का बोर्ड लगा दिया गया.
मधुबनी जिले के बासोपट्टी प्रखंड अंतर्गत हत्थापुर पंचायत स्थित परसा मुसहरी गाँव से मानापट्टी गाँव तक करीब ढाई किलोमीटर की सड़क निर्माण कार्य करवाना था , मगर संवेदक और RDW विभाग के द्वारा घोटाले कर लिया गया । परसा मुसहरी मुहल्ले में सभी महादलित परिवार के लोग बसते हैं और इनलोगों के साथ ही नाइंसाफ़ी कार्य किया गया है । जबकि राज्य सरकार महादलित परिवार को पहली प्राथमिकता देते हैं और इधर उन्हीं के नुमाइंदे इनलोगों के साथ धोखाधड़ी करने का काम कर रहे हैं। जिससे यह महादलित परिवार के लोग काफी परेशान और चिंतित रहते हैं, क्योंकि बरसात के मौसम में घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं, बाढ़ का पानी इनलोगों के घर आंगन तक पहुंचा रहता है। इसलिए यह लोग काफी हद तक चिंतित और परेशान रहते हैं ।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नाम पर तो करोड़ो के घोटाले पर घोटाले किए जाते हैं। सड़क बनती है और करोड़ों -करोडों रुपये की राशि निकासी हो जाती है। अब सवाल यहाँ खड़ा होता है कि इस महादलित परिवार के लोग यह सड़क नहीं बनने से कब तक परेशानियां उठायेंगे । जबकि सरकार के तरफ से राशि निर्गत कर दिया गया है । फिर भी PWD विभाग और संवेदकों के द्वारा क्यों नही बनाया गया । जिससे आज इस सड़क पर यातायात करने वाले लोगों को फ़जीहत का सामना करना पड़ता है । ऐसे में अब देखना अहम होगा कि सरकार और विभाग की कुम्भकर्णी निंद्रा टूटती है या फिर यूं ही सोये रहेगें ।
मधुबनी से आलोक कुमार की रिपोर्ट
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