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दूसरे के घर पर कब्ज़ा के लिए थानेदार से संपर्क करें, पीड़ित हैं तो पटना डीआइजी से

दिव्यांग अजय खत्री के घर पर पुलिस ने दिला दिया दबंगों को कब्ज़ा , खत्री को पत्नी के साथ भेंजा जेल

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सिटी पोस्ट लाइव : पटना पुलिस के पास हर तरह का पॅकेज है. अगर आप दबंग हैं. किसी दूसरे के घर जमीन  पर कब्ज़ा करना चाहते हैं, अपने विरोधी को जेल भेंजना चाहते हैं तो पटना पुलिस थाने के थानेदारों  से समपर्क कर सकते हैं. अगर आप पीड़ित हैं और किसी थानेदार ने आपके घर जमीन पर किसी दबंग को कब्ज़ा दिला दिया है या फिर आपको झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेंज दिया है तो आप पटना के डीआइजी से समपर्क करें. दोनों ही जगह आपको न्याय मिलेगा. थानेदार बड़ी ईमानदारी से आपको दूसरे के घर पर कब्ज़ा दिला देगा ,आपके विरोधी को जेल भेंज देगा. और अगर पीड़ित हैं तो डीआइजी साहब   आपको तुरत न्याय दिलायेगें .आपका घर जमीन वापस दिलायेगें और आपको झूठे मुकदमे से बचायेगें . यानी पटना पुलिस के पास दोनों तरह का पैकेज है -फंसाने और बचाने का . मेरी बात पर भरोसा नहीं है तो खुद एक कहानी पढ़ लीजिये ……

अगर आप दबंग हैं तो आपको खून पसीने की कमाई से पटना में घर खरीदने की जरुरत नहीं है. आप किसी असहाय ,कमजोर व्यक्ति की तलाश कीजिये ,उसकी घर संपति की पहचान कीजिये और कब्ज़ा कर लीजिये . अगर आप सोंच रहे हैं कि पुलिसिया लफडा हो सकता है तो आप थानेदार साहब को भरोसे में लीजिये, उन्हें गरमा गरम नोट सुंघाईए ,वो खुद आपको घर पर दखल दिला देगें .लेकिन शर्त यहीं होगी कि जिसका घर हो वह कमजोर हो. जी हैं पटना पुलिस आजकल यहीं कर रही है. कभी मुफ्त की शब्जी नहीं देने पर एक नाबालिग को खूंखार अपराधी साबित कर जेल भेंज देती है तो कभी किसी कमजोर के घर पर दबंग को कब्ज़ा दिला देती है.इतना ही नहीं, घर का मालिक हंगामा न कर सके उसे जेल भी भेंज देती है.  .

पटना के अजय ने 2011 में बहादुरपुर थाने की रामकृष्ण कॉलोनी में एक कट्टा जमीन खरीदी थी. 2015 में मकान बना लिया. मकान बनाने के पहले कुछ दबंगों ने अजय पर केस कर दिया कि जमीन अजय की नहीं है. लेकिन एसडीओ की रिपोर्ट में जमीन अजय की बताई गई. बावजूद थानेदार व आईओ ने एसडीओ की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया और 9 अप्रैल 2018 को एकतरफा कार्रवाई करते हुए दंपति को बेघर करते हुए मकान में दबंगों को कब्जा दिला दिया . दोनों को जेल भेज दिया और उनके मकान में रखे सामान को लुटवा दिया. जब अजय की शिकायत पर जांच शुरू हुई तो पता चला  कि अजय ही जमीन व मकान के मालिक हैं. वे मकान का होल्डिंग टैक्स जमा करते रहे हैं. उन्हीं के नाम से बिजली कनेक्शन है. बैंक से लोन लेकर मकान बनाया था. पुलिस की मिलीभगत से दंपती के साथ अन्याय हुआ. बिना साक्ष्य के ही दोनों को जेल भेज दिया गया. डीआईजी राजेश कुमार ने बताया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है. रिपोर्ट का इंतजार है.

दिव्यांग अजय खत्री उर्फ सिकंदर व उनकी पत्नी अर्चना को बहादुरपुर थाने की रामकृष्णा कॉलोनी स्थित उनके ही घर से बाहर करने और फिर जेल भेजने के मामले में डीआईजी राजेश कुमार ने बहादुरपुर के थानेदार कृष्ण कुमार गुप्ता और मामले के आईओ दारोगा सुधांशु कुमार को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया. पटना सिटी के पूर्व एएसपी हरिमोहन शुक्ला से केस का सुपरविजन नहीं करने पर सात दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. पटना ईस्ट एसपी व सिटी के एसडीओ को आदेश दिया गया है कि अजय और उनकी पत्नी को उनके घर में प्रवेश कराएं. साथ ही सिटी एपी को दो दिनों के अंदर उन दबंगों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है.

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