सिटी पोस्ट लाइव : इंडिगो के पटना एयरपोर्ट मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या की गुत्थी आज नौ दिन बाद भी अनसुलझी है. एसआइटी इस मामले में अंधेरे में तीर चला रही है. एयरपोर्ट पार्किंग टेंडर मामले की जांच में एक अहम सुराग मिला है, जिसके बाद जांच की दिशा बदलने लगी है. रूपेश के मोबाइल नंबर की सीडीआर रिपोर्ट में संदिग्ध नंबर मिला है जो एक बिल्डर के करीबी का है. उस नंबर से रूपेश की लंबी बातचीत हुई है. एसआइटी की जांच अब एक बिल्डर के इर्द-गिर्द घूमने लगी है. बिल्डर से पुलिस पूर्व में भी पूछताछ कर चुकी है. सीडीआर रिपोर्ट में संदिग्ध नंबर मिलने के बाद एसआइटी दोबारा पूछताछ की तैयारी में जुट गई है.
एसआइटी की एक टीम अभी भी दो जिलों में टेंडर की जांच कर रही है और दूसरी टीम पटना लौट आई है. वह भी टेंडर से जुड़े मामले की जांच करने के लिए गुरुवार को पुनाईचक स्थित ऑफिस में गई थी. सूत्रों के अनुसार आठ टेंडर में पुलिस तीन की जांच कर चुकी है, जबकि अन्य की जांच बाकी है. मामले में वैशाली, सीतामढ़ी, छपरा और गोपालगंज में दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है. लेकिन अभीतक कोई अहम् सुराग हाथ नहीं लगा है.
पुलिस तीन तीनों कांट्रेक्ट किलरों को हिरासत में ले चुकी है और उनके मोबाइल नंबर की जांच शुरू है. गौरतलब है कि मामले की जांच में पुलिस मुख्यालय के तीन वरीय आइपीएस सहित आइजी, एसएसपी और सिटी एसपी भी जुटे हैं. साथ में 50 से अधिक तेज तर्रार इंस्पेक्टर और पुलिस पदाधिकारी सहित तकनीकी सेल की टीम भी लगी हुई है.लेकिन सबके हाथ अभीतक खाली हैं.सूत्रों के अनुसार इस मामले में अभी तक एसआइटी चार सौ से अधिक मोबाइल नंबर की जांच कर चुकी हैऔर दो सौ से अधिक लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है. जेलों में बंद शॉर्प शूटर से लेकर कुख्यात अपराधियों से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है. बेउर में दो बाद एसआइटी जा चुकी है. सौ से अधिक जगहों पर डायल 100 की टीम सीसी कैमरा भी खंगाल चुका है.गौरतलब है कि 12 जनवरी की शाम करीब सवा सात बजे शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के पुनाईचक स्थिति अपार्टमेंट के नीचे ही बाइक सवार अपराधियों ने रूपेश की कार में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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