सिटी पोस्ट लाइव : राजधानी के जक्कनपुर के थानेदार अबरार अहमद खां को दो अलग—अलग मामलों में रिश्वत मांगने के आरोप में तत्काल प्रभाव से थाने से हटाने का निर्देश पटना के जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान ने दिया है. मामले की जाँच कर कार्रवाई करने के लिए जोनल आईजी ने एसएसपी मनु महाराज को निर्देश दिया है.
दोनों मामलों की जांच की जिम्मेवारी सिटी एसपी ईस्ट राजेन्द्र कुमार भील को दी गई थी. अपनी जांच रिपोर्ट में सिटी एसपी ईस्ट ने रिश्वत मांगे जाने के मामले में थानेदार को अपनी रिपोर्ट में क्लीन चीट दे दी थी. लेकिन दिलचस्प बात ये है किसाथ ही सिटी एसपी ने अपनी रिपोर्ट में कुछ प्राइवेट लोगों को थानेदार की तरफ से मदद पहुंचाने के आरोप को सही ठहरा दिया था .सिटी एसपी के इसी रिपोर्ट के आधार पर थानेदार को हटाने का फैसला आईजी ने लिया है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमे कहा गया था कि थानेदार मीठापुर बस स्टैंड पर चुंगी वसूलने वाले से रुपए की डिमांड कर रहे हैं. कुछ दिनों के गैप के बाद ही एक वीडियो वायरल किया गया. इसमे एक मिठाई दुकानदार ने रुपए मांगने का आरोप लगाया गया था. दोनों मामलों के सामने आने के बाद जोनल आईजी ने संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच का आदेश दिया था. जांच की जिम्मेवारी सिटी एसपी ईस्ट को दी गई थी.
एक तरफ रिश्वत मांगने के आरोप से थानेदार को बरी कर दिया गया दूसरी तरफ उसे एक प्राइवेट पार्टी की मदद करने के आरोप में थाने से हटा दिया गया .सवाल ये उठता है कि उस प्राइवेट पार्टी की मदद थानेदार क्यों कर रहा था ? क्या वह चैरिटी कर रहा था ? अगर चैरिटी कर रहा था तो उसे सजा क्यों दी गई ? अगर वह पैसा लेकर गलत ढंग से मदद कर रहा था तो रिश्वत मांगने का वायरल ऑडियो गलत कैसे साबित हो गया ? सवाल ये भी उठता है कि थानेदार को हटाकर उसे सजा दी गई है या उसे रिश्वत के आरोप से बचाने की कवायद की जा रही है ? अंतिम रूप से निष्कर्ष पर पहुँचाने के पहले हमें एसएसपी साहब के जांच रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए .
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