सिटी पोस्ट लाइव :20 22 के आखिरी महीने में छपरा-सिवान और बेगुसराय जिले में जहरीली शराब से हुई सैकड़ों लोगों की मौत को लेकर अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ बिहार में जोरशोर से अभियान चल रहा है.नए साल को लेकर पुलिस और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने शराब के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया. सिर्फ मद्य निषेध विभाग ने साल के पहले दिन एक जनवरी को एक हजार से अधिक शराबियों और तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनमें 775 शराब पीने वाले और 265 शराब बेचने वाले हैं.
दिसंबर के अंतिम पखवारे से ही शराब तस्करों की सक्रियता बढ़ गई थी. दिसंबर माह में पकड़ी गई कुल शराब का 90 प्रतिशत अंतिम 15 दिनों में पकड़ा गया है. उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने सोमवार को बताया कि दिसंबर के अंतिम पखवारे में रिकार्ड 1.80 लाख लीटर शराब बरामद की गई.इस अवधि में पुलिस और उत्पाद टीम ने मिल कर हर दिन औसत 4200 छापेमारी की, जिसमें 578 मामले दर्ज करते हुए 1100 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया.प्रतिदिन औसत 12 हजार लीटर शराब और 55 गाडि़यां जब्त की गई. नए साल को लेकर राज्य के सभी 80 अंतरराज्जीय व अंतरजिला चेकपोस्टों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है. इन चौकियों पर हर दिन औसत 10 हजार से अधिक वाहनों की जांच की जा रही है.
पिछले चार महीने में शराबबंदी कानून के तहत सजा दिलाने की दर बढ़कर 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है. यानी शराबबंदी अधिनियम के तहत गिरफ्तार 100 में 99 आरोपित दोषी करार दिए गए हैं. सजा दर बढ़ने का बड़ा कारण शराबियों को जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रविधान भी है.अप्रैल में शराबबंदी संशोधन कानून के बाद जुर्माना देकर छोड़े जाने वालों को भी दोषी माना जाता है. शराबबंदी के कुल मामलों में 31 दिसंबर तक 1.44 लाख केस का ट्रायल शुरू हो चुका है. इनमें 1.05 लाख का ट्रायल पूरा कर अब तक 986 व्यक्तियों को दोषमुक्त, जबकि 99 हजार 561 को सजा दी गई है.
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