सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में शराबबंदी की वजह से शराब का अवैध कारोबार सबसे ज्यादा मुनाफे का धंधा बन गया है.अपराधी और असामाजिक तत्व तो इस कारोबार में लगे ही हैं.अब पढ़े लिखे लोग भी नौकरी छोड़कर शराब का अवैध कारोबार करने लगे हैं. एक सिविल इंजीनियर ने अपनी प्राइवेट जॉब छोड़कर शराब के अवैध कारोबार में लग गया था.कम समय में अधिक रुपए कमाने के लिए उसने शराब का अवैध कारोबार शुरू कर दिया. पिछले एक साल से वो शातिराना तरीके से उत्तर प्रदेश से ब्रांडेड विदेशी शराब की खेप को पटना लग्जरी गाड़ियों से लाकर बेचवाया करता था. रविवार को पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसकी पुष्टि की है.
शनिवार की देर रात कोतवाली थाना की पुलिस ने बोरिंग कैनाल रोड के जगत भवनी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छापेमारी कर 25 कार्टन में रखे 272 लीटर विदेशी शराब की खेप को जब्त किया था. इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया. इसमें बुद्धा कॉलोनी का रहने वाला अमित, बक्सर का रहने वाला चंदन और बेगूसराय का रहने वाला पुष्कर शामिल है. यूपी के बलिया से शराब की खेप लाने के लिए दो लग्जरी फोर व्हीलर कारों का इस्तेमाल करते थे. राजधानी में होम डिलीवरी करने के लिए जिस बाइक का इस्तेमाल होता था, उसे भी जब्त किया गया है.
SSP ने बताया कि अगरतला NIT से अमित सीविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है. इस धंधे में साथ में पकड़े गया चंदन BBA की पढ़ाई कर चुका है. गिरफ्तार इनका तीसरा साथी भी ग्रेजुएट है. तीनों को शराब के धंधे में मुनाफा दिखा और उसके बाद से काम करने लगे. पूछताछ में पता चला कि पिछले एक साल से शराब की तस्करी ये लोग मिलकर कर रहे थे. यूपी के बलिया से अक्सर शराब की खेप लेकर आते थे. इनके नेटवर्क की पूरी सूची पुलिस ने बना ली थी जहां से लाते थे.
इन तीनों का मेन सरगना राकेश तिवारी उर्फ बाबा है. इसी ने अपना नाम पर अपार्टमेंट का फ्लैट किराए पर लिया था. वो फिलहाल वो फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. पूछताछ में पता चला कि हर महीने करीब तीन लाख रुपए से अधिक की बचत इन तस्करों को हो रही थी. पटना में लोकल स्तर पर 10-15 लोगों को अपने नेटवर्क से इन लोगों ने जोड़ रखा था.हर एक शख्स की पहचान हो गई है. सभी का नाम सामने आ गया है.
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