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बिहार पुलिस गुप्तेश्वर पाण्डेय को डीजीपी नहीं एक महापुरुष और अपना अभिभावक मानती है.

पुलिस मेंस एसोसिएशन ने कहा- अपने डीजीपी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी बिहार पुलिस.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार (Bihar) पुलिस के इतिहास में पहलीबार ऐसा हुआ है जब बिहार पुलिस मेंस असोसिएशन ने अपने डीजीपी के समर्थन में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन (Bihar Police Mens Association) डीजीपी के कार्यशैली से इस कदर खुश है कि उसने उन्हें महापुरुष और बिहारियों का आइकॉन बता दिया है. असोसिएशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पत्र लिख कर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को महापुरुष और बिहारियों का आइकॉन बताया है.14 पन्नों के लिखे पत्र में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने डीजीपी को अब तक का सबसे अलग अधिकारी बताया है.

बिहार पुलिस ही नहीं बल्कि किसी भी प्रदेश की पुलिस एसोसिएशन ने अपने डीजीपी डीजीपी के प्रति इतना सम्मान पहलीबार व्यक्त किया है.अक्सर पुलिस एसोसिएशन और डीजीपी के बीच संघर्ष चलता रहता है.खास बात ये है कि   गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) की प्रशंसा में मुख्यमंत्री को बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने बकायदा पत्र लिखा है.गौरतलब है कि गोपालगंज तीहरे हत्याकांड को लेकर विपक्ष ने वेवजह डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पर निशाना साध दिया था. फिर क्या था  फेसबुक लाइव के जरिये डीजीपी ने आकर सबके सवालों का जबाब दे दिया था.उन्होंने दावा किया था कि बिहार पुलिस निष्पक्ष है और बगैर किसी दबाव के काम कर रही है. उन्होंने अपने लंबे सेवा काल की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने आज तक कभी भी किसी के दबाव में आकर काम नहीं किया.दबाव में जिस दिन काम करानापदेगा वो नौकरी छोड़ देगें.

अब बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने डीजीपी के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक लंबा पत्र लिखा है. पांच पन्नों के इस पत्र में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के पक्ष में जो बातें लिखी हैं वो पुलिस महकमे के इतिहास में शायद ही कभी लिखी गई हो. पत्र में इस बात की चर्चा की गई कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की सोच और उनका कार्य करने का तरीका अन्य अधिकारियों से अलग रहा है. उनकी कार्यशैली, उनका जज्बा, कर्तव्य निष्ठा और ईमानदारी से बिहार पुलिस के लाखों पुलिसकर्मियों के मन में अच्छी छवि का मिसाल कायम हुआ है. साथ ही साथ उनके द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेकर अच्छे कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों से दूरभाष (फोन) पर वार्ता स्थापित कर मनोबल को बनाए रखने का कार्य समय समय पर किया जाता रहा है. जिससे पुलिसकर्मियों की कार्यशैली और उनकी कार्य क्षमता पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा है.

एसोसिएशन ने यह भी दावा किया कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के कार्यकाल में सांप्रदायिक घटनाओं में काफी कमी आई है. जनता में आपसी सौहार्द और भाईचारा का माहौल कायम हुआ है. गोपालगंज जिले में हुए तिहरे हत्याकांड के बारे में पुलिस मेंस एसोसिएशन ने पत्र में लिखा कि इस मामले को एक विशेष वर्ग द्वारा गलत दिशा में मोड़ने और लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न करने की कोशिश की गई थी. लेकिन डीजीपी ने वहां खुद जाकर अनुसन्धान कर सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की कोशिश को नाकाम कर दिया था.पुलिस मेंस एसोसिएशन ने डीजीपी के सूझ-बूझ और उनके त्वरित निर्णय लेने की जमकर सराहना की है.

कोरोना वायरस की चर्चा करते हुए बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने लिखा है कि वैश्विक महामारी के इस दौर में सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित लॉकडाउन और उसे संबंधित नियमों और निर्देशों के अनुपालन के लिए सभी पुलिसकर्मियों के साथ-साथ आम जनता से सोशल मीडिया और दूरभाष के माध्यम से डीजीपी ने संपर्क साधा. यही नहीं समय के अनुसार वो अपनी जान की परवाह किए बगैर रेड जोन एरिया में अपने शारीरिक उपस्थिति दर्ज करा कर पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाव संबंधित जानकारियां देते रहे हैं. इसके लिए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पुलिस परिवार के साथ-साथ राज्य के आम जनता के बीच भी एक हीरो के रूप में उभरे हैं.

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से कहा कि भारतीय पुलिस की छवि को बिहार में उच्चस्तरीय मानदंडों तक ले जाने की दृढ़ इच्छाशक्ति गुप्तेश्वर पांडेय में रही है. और इससे न एक विजनरी सोच वाले पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी प्रतिभा से बिहार को लाभ मिला है. साथ ही उनके द्वारा संपूर्ण बिहार के सभी पुलिसकर्मियों को एक समान अवसर और प्रशिक्षण की व्यावहारिक जमीन पर आवश्यक संसाधन मुहैया कराने का जो सराहनीय प्रयास किया गया है उससे भी सभी पुलिसकर्मी एक अभिभावक के रूप में उन्हें देख रहे हैं.

पत्र के अंत में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने लिखा है कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पर कीचड़ उछालना सूर्य को रोशनी दिखाने के समान है. जिससे बसंत बिहार के आम जनता और पुलिस परिवार को अपमानित करने का षड्यंत्र है. एसोसिएशन ने गुप्तेश्वर पांडे को बेदाग छवि के धनी बताते हुए बिहारियों का आइकॉन बताया. पुलिस मेंस एसोसिएशन ने कहा कि बेबुनियाद आरोप असहनीय है. इस तरह की कोशिश करने वाले अनजाने में खुद को ही क्षति पहुंचाते हैं. इसलिए ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें क्योंकि उन्हें यह पता नहीं है कि वो किस तरह का अनुचित काम कर रहे हैं.

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