सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस का एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. दो साल पहले बिहार पुलिस (Bihar Police) के जिस इंस्पेक्टर को दो दो प्रोन्नति देकर डीएसपी बनाया गया था , अब सरकार ने use फिर से दारोगा बना दिया है. सरकार अब उन लोगों की पहचान करने में लगी है, जिन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इस अधिकारी को प्रमोशन दिया था. अब प्रमोशन देने वाले भी कार्रवाई की जद में आएंगे. दरअसल, त्रिपुरारी प्रसाद (Tripurari को 2019 में इंस्पेक्टर से डीएसपी के पद पर प्रमोशन दिया गया था. लेकिन सरकार के गृह विभाग (Home Department) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उनकी DSP के प्रमोशन को रद्द कर दिया गया है. खास बात यह है कि सरकार ने इससे पहले इस अधिकारी को दारोगा से इंस्पेक्टर पद में जो प्रमोशन दिया था उसे भी रद्द किया है. अब वापस से त्रिपुरारी प्रसाद को दरोगा बना दिया गया है.
गृह विभाग के निर्देश के अनुसार जिन लोगों ने इस दारोगा को प्रमोशन देकर डीएसपी बनाया था उनके खिलाफ भी जांच की जायेगी. त्रिपुरारी प्रसाद 2006 में बिहार पुलिस की विशेष शाखा में दारोगा थे. इसी दौरान निगरानी विभाग ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था. यह मामला उनके खिलाफ अब भी जारी है. पुलिस विभाग में इस बात का प्रावधान है कि जिस पदाधिकारी के खिलाफ निगरानी का केस दर्ज हो उसे किसी भी सूरत में प्रमोशन नहीं दिया जा सकता. लेकिन त्रिपुरारी प्रसाद के मामले में नियमों को ताक पर रखकर पहले उन्हें दरोगा से inspector बनाया गया और फिर 2019 में inspector से DSP बना दिया गया.
अब निगरानी विभाग ने बिहार सरकार को पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ चल रहे मामलों पर रिपोर्ट सौंपी है. इसमें इस बात की चर्चा है कि त्रिपुरारी प्रसाद के खिलाफ भी 2006 से ही निगरानी थाने में केस दर्ज है. लेकिन फिर भी उन्हें दो दफे प्रमोशन देकर पहले inspector और फिर DSP बनाया गया. विभाग ने इसे लेकर पुलिस मुख्यालय से पूछताछ की तब उनको कहा गया कि जिन अधिकारियों ने त्रिपुरारी प्रसाद को दारोगा से inspector और डीएसपी के पद पर प्रमोशन दिया उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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