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मसौढ़ी के तीन गैंग के बीच के वर्चस्व की लड़ाई को संप्रदायिक रूप देने की हुई थे कोशिश

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सिटी पोस्ट लाइव( सोमनाथ ) : मसौढ़ी में मंगलवार की सुबह तीन ग्रुप के बदमाशों ने अपने आपस के झगड़े को सांप्रदायिक रूप देने की जो असफल कोशिश की ,उसका भंडाफोड़ हो चूका है. पटना पुलिस के अनुसार मसौढ़ी में जो उपद्रव हुआ उसके पीछे तीन अलग अलग गिरोहों का हाथ था.बर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे ईन तीन ग्रुप के बदमाशों ने शहर में जमकर उपद्रव मचाया था.ये तीन अपराधिक गैंग मसौढ़ी में काफी दिनों से बर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. तीन में से दो गैंग के नाम उजागर हो गए हैं. एक गैंग ताज है तो दूसरा गैंग प्लास्टिक है.

ईन तीन गिरोह के बदमाशों ने अपने बर्चस्व की लड़ाई में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की जो शाजिश रची थी, वह बहुत भयानक थी.ईन तीन गिरोहों के बदमाशों ने गैंगवार को मसौढ़ी में सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की थी. लेकिन समय रहते पटना के जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने मामले को संभाल लिया. मौके पर पहुंच कर पटना के डीएम कुमार रवि, एसएसपी मनु महाराज और सिटी एसपी ईस्ट राजेंद्र कुमार भील ने बिगड़ते हालात पर काबू पा लिया नहीं तो बात बहुत आगे बढ़ सकती थी. पटना पुलिस के अनुसार इस मामले में अब तक 7 अपराधी गिरफ्तार किये जा चुके हैं और बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

गिरफ्तार किये गए बदमाशों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि बदमाशों के एक गैंग की प्लानिंग दूसरे गैंग से जुड़े गोलू की गोली मारकर हत्या करने की थी. गोलू की हत्या करने के लिए बदमाश पहुंचे भी थे. लेकिन बदमाशों की चलाई गई गोली गोलू की जगह सूरज पंडित को लग गई. गोली लगने से सूरज पंडित घायल हो गया. उसे इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. इस घटना के बाद ही मसौढ़ी का पूरा माहौल ही बदल गया. रहमत गंज में भी तोड़फोड़ और गोलीबारी की घटना हो गई. पुलिस की मानें तो कुल 5 राउंड गोलियां चलाई गई और मामले को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की गई..

मसौढ़ी में अभी भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. लेकिन हालात अब पूरी तरह से काबू में है. संवेदनशील इलाकों में अभी भी चौकसी बरती जा रही है. एसएसपी मनु महाराज के अनुसार पूरे घटनाक्रम के बाद 4 अलग—अलग एफआईआर दर्ज किए गए हैं. एक एफआईआर सूरज पंडित को गोली मारने का हुआ है तो दूसरा एफआईआर रहमत गंज में हुए उपद्रव को लेकर किया गया है. तीसरा एफआईआर पुलिस टीम पर किए गए हमले और रोड़ेबाजी को लेकर दर्ज किया गया है. चौथा एफआईआर तारेगना रेलवे स्टेशन पर किए गए तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर किया गया है. इन मामलों में कई लोग नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं और करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है.

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