नीतीश कुमार पर चप्पल फेंकने वाला चंदन सिंह थाने से हुआ रिहा, उठने लगे हैं सवाल
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चप्पल फेंकने वाले औरंगाबाद के युवक चंदन सिंह को पुलिस ने पूछताछ के बाद थाने से छोड़ दिया है. गौरतलब है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चप्पल फेंकने वाला यह युवक चंदन सिंह सोशल मीडिया पर छा गया. पुलिस ने इसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया था. ये सवाल सबके जेहन में उठ रहा था कि पुलिस इस युवक को जेल भेंजेगी या छोड़ देगी.ये सवाल इसलिए उठ रहा था क्योंकि चप्पल फेंकने वाले युवक चंदन ने आरक्षण को लेकर चप्पल फेंकी थी. उसने आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं किये जाने को लेकर चप्पल फेंक कर अपना विरोध जताया था. अब सवर्ण सेना ने चप्पल फेंकवाने की जिम्मेवारी भी ले ली है.सवर्ण सेना के अध्यक्ष भागवत शर्मा ने सितिपोस्त लाइव को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में यह खुलासा किया था कि चप्पल फेंकवाने की योजना सवर्ण सेना की थी.
गांधी मैदान थाने की पुलिस ने बापू सभागार से चंदन को तुरंत हिरासत में ले लिया था. काफी देर तक पुलिस ने उससे पूछताछ की थी. पुलिस हर पहलू को खंगाल रही थी. यह भी देख रही थी कि चंदन का किसी राजनीतिक दल से संबंध तो नहीं है. सूत्रों की मानें तो पटना पुलिस के कहने पर औरंगाबाद पुलिस ने चंदन के घर पर भी जायजा लेने गयी थी. पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खैरी गांव स्थित उसके पिता बिमलेश सिंह को भी देखा, जिनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसके बाद चंदन को पटना पुलिस ने रिहा कर दिया. इसकी जानकारी खैरी पंचायत के मुखिया सुजीत कुमार सिंह ने वहां के स्थानीय मीडिया को दे दी है.
गौरतलब है कि गुरुवार को चंदनह औरंगाबाद से पटना में छात्र जदयू की ओर से आयोजित विराट छात्र संगम कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आया था. वह औरंगाबाद के छात्र जदयू अध्यक्ष आनंद वैभव के साथ 400 लोगों के जत्थे में शामिल था. यह गनीमत थी कि चप्पल सीएम के थोड़ा पहले ही गिर गयी. लेकिन इसके बाद तो वहां पर काफी अफरातफरी मच गयी. बहरहाल मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण हिरासत में लिये गये चंदन सिंह को पटना पुलिस ने थाने पर से ही छोड़ दिया. हालांकि जांच के दौरान पुलिस ने चंदन का फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया है.
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