ब्रजेश ठाकुर के यौन उत्पीडन का केंद्र बने बालिका गृह को ध्वस्त कर देने का आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर के उस बालिका गृह को ध्वस्त करने की कवायद अब शुरू हो चुकी है, जहाँ तीन दर्जन से ज्यादा बच्चियों के यौन उत्पीडन किये जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ था.स्थित महापाप के उस अड्डे को ध्वस्त कर दिया जाएगा, जहां ब्रजेश ठाकुर ने 34 बेसहारा लड़कियों की अस्मत लूटी गई. मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड में इस बड़ी कार्रवाई की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है. गौरतलब है कि 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए पूछा था कि बालिका गृह के नाम पर चल रहे यातना गृह का यह गैरकानूनी भवन अबतक कैसे खड़ा है? क्योंकि मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का यह भवन बिल्डिंग बायलॉज 1981 और संशोधित बायलॉज 2014 के किसी भी मानक को पूरा नहीं करता.
कोर्ट के कड़े रुख और जिला प्रशासन को दिए गए निर्देश के बाद बीते 27 अक्टूबर को इस भवन की माप और स्थल जांच की गई थी. कार्यपालक अभियंता सुरेश सिन्हा के नेतृत्व वाली जांच टीम ने रिपोर्ट दी. जिसमें कहा गया था कि ग्राउंड प्लस प्रथम तल्ला के पारित नक्शे पर ब्रजेश ठाकुर नें 50 फीट ऊंची तीन मंजीला इमारत खड़ी कर दी थी. इस तीन मंजीले भवन के निर्माण में बिल्डिंग बायलॉज की धज्जियां उड़ा दी गईं. कायदे से भवन के चारो ओर पर्याप्त खाली स्पेस छोड़ना था. लेकिन ब्रजेश ठाकुर ने ऐसी इमारत खड़ी कर दी, जिसमें खिड़कियां और रोशनदान भी नहीं हैं.नगर निगम की जांच रिपोर्ट सामने आ जाने के बाद 30 अक्टूबर को नगर आयुक्त नें ब्रजेश ठाकुर के परिजनों को भवन का नक्शा और कागजात पेश करने का नोटिस दिया था. ब्रजेश ठाकुर के परिजनों की ओर से तत्कालीन मुजफ्फरपुर क्षेत्रीय विकास प्राधिकार से 2004 में पारित जो नक्शा पेश किया गया. उसमें चारो ओर पर्याप्त खाली स्पेस छोड़ते हुए 22 फीट ऊंचे ग्राउन्ड प्लस एक तल्ले का नक्शा पारित था. लेकिन ब्रजेश ठाकुर ने इस नक्शे पर तीन मंजिला इमारत खड़ी कर दी.
इससे पहले भी जिला पुलिस ने भवन के भीतर की बनावट और एक भवन में तीन-तीन सीढ़ियों पर आपत्ति जताई थी. इनमें दो सीढ़ियां तो गुप्त तरीके से बनाई गई थी. जिन कमरों में बच्चियों को रखा जाता था उनमें पर्याप्त रौशनी और हवा का प्रबंध नहीं है. इन तमाम हालातों में सुप्रीम कोर्ट नें बालिक गृह के भवन पर गहरी आपत्ति जताई थी. इसी भवन में ब्रजेश ठाकुर बालिका गृह का संचालन कर रहा था, जहां बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की सोशल ऑडिट रिपोर्ट टाटा इंस्टियूट ऑफ सोशल साइंसेस की जांच टीम ने सरकार को पेश की थी. उस रिपोर्ट के आधार पर जमीनी हकीकत के खुलासे के बाद पुलिस और सीबीआई की कार्रवाई में ब्रजेश ठाकुर समेत 17 आरोपी जेल में हैं.
इस भवन को ध्वस्त कर मलवा हटाने के लिए नगर आयुक्त ने ब्रजेश ठाकुर के परिजनों को एक माह की मोहलत दी है. इसके साथ ही नगर आयुक्त ने सख्त निर्देश दिया है कि एक माह में भवन नहीं तोड़ा गया तो नगर निगम उसे ढाह देगी और तोड़ने का खर्च भी वसूला जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया है कि इस कार्रवाई की सूचना सीबीआई समेत सभी एजेंसियों को दे दी गई है.इस आदेश से ब्रजेश ठाकुर के परिजनों के बीच हडकंप मचा हुआ है.
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