कानून से ऊपर नहीं है कोई, रामकृपाल यादव के बेटे का कटा चलान
केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी चेक नहीं करने पर ऑन स्पॉट सस्पेंड हो गए दारोगा और सिपाही
कानून से ऊपर नहीं है कोई, .रामकृपाल यादव के बेटे का कटा चलान
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में केंद्रीय मंत्री के परिवार की गाड़ी को चेकिंग के लिए नहीं रोकना दो पुलिसवालों के लिए महंगा पड़ गया. राजधानी पटना में वहां चेकिंग के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे की गाड़ी को पुलिसवालों ने नहीं चेक किया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर आनंद किशोर ने दोषी पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया.मंत्री के परिवार को कानून से ऊपर समझने वाले दारोगा देवपाल पासवान और सिपाही दिलीप चंद्र को तत्काल सस्पेंड (Suspend) कर दिया गया.
रविवार को पटना में कमिश्नर आनंद किशोर की अगुवाई में सड़क पर वाहन चेकिंग अभियान चल रहा है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की गाड़ी जांच अभियान में रोकी गई. मंत्री का परिवार स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार था. इस कार में अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित, बहू और पत्नी थीं. सांसद लिखी गाड़ी को रोके जाने के बाद भी मौके पर मौजूद किसी भी अधिकारी या पुलिसवाले में जांच करने की हिम्मत नहीं जुटाई. इस दौरान मंत्री जी का परिवार इंतज़ार करता रहा.
प्रशासन के इस रवैये से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की बहू नाराज दिखीं. उन्होंने वाहन जांच अभियान में गाड़ियों को रोकने के तरीके पर सवाल उठाया और कहा कि इससे दुर्घटना बढ़ने की आशंका रहेगी. उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा करने के दौरान सड़क हादसा होगा तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा.
दूसरी ओर पटना में ही पाटलिपुत्र के बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव के बेटे को भी रविवार को ट्रैफिक रूल तोड़ने पर एक हज़ार रुपए का जुर्माना देना पड़ा. गौरतलब है कि नए ट्रैफिक नियम बनने के बाद पूरे राज्य में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में लोगों को भारी जुर्माना लगाया जा रहा है.वाहन चेकिंग अभियान से परेशान लोग अब पुलिसवालों पर भी नजर रखने लगे हैं. वगैर हेलमेट या फिर किसी तरह के ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करनेवाले पुलिसवालों की क्लास लगाने लगे हैं.बक्सर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है ,जहाँ वगैर हेलमेट के बाइक चला रहे दारोगा को एक युवक ने रोक लिया. उससे सवाल जबाब शुरू कर दिया. जब दारोगा ने धौंस दिखाई तो एसपी ने उसे निलंबित कर दिया.पहलीबार आम लोग हों या फिर कोई वीआइपी उनके मन में कानून का भय दिखने लगा है.
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