सिटी पोस्ट लाइव : बिपक्ष के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कानून-व्यवस्था को एक बड़ा मुद्दा बना लिया है. जिस तरह से अपराध के ग्राफ पिछले पांच महीनों में बढे हैं, नीतीश कुमार बेहद गुस्से में हैं.बिहार में पहली बार अपनी सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने तीन महीने में कानून -व्यवस्था में जो सुधार किया था, उसे आज भी लोग भुला नहीं पाए हैं. नीतीश कुमार अपने उस यूएसपी को किसी कीमत पर बर्बाद नहीं होने देना चाहते. सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है और पुलिस मुख्यालय में जो माहौल है, उससे साफ़ है कि वो गुस्से में हैं और पुलिस महकमें की पतलून गीली हो रही है .
नीतीश कुमार जब गुस्से में होते हैं, तो कुछ बड़ा बदलाव जरुर होता है. पुलिस मुख्यालय का छोटा-बड़ा हर अधिकारी डरा-सहमा दिख रहा है. सबके चहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं. किसी को नहीं पता मुख्यमंत्री क्या करेगें. इसबार तो बिहार पुलिस के मुखिया को भी आभास नहीं है कि क्या होनेवाला है. पुलिस मुख्यालय में तरह तरह की चर्चा हो रही है. जो लोग महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं, उन्हें बिदाई का डर सता रहा है. वहीं वैसे लोग जो साइडलाइन में हैं, वो महत्वपूर्ण जिम्मेवारी मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस मुख्यालय से लेकर कई जिलों के एसपी ठिकाने लगाए जा सकते हैं और बहुत दिनों से ठिकाने लगे अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका में आनेवाले हैं.
दरअसल, जंदाहा में प्रखंड प्रमुख और उसी दिन पटना में अंडर सेक्रेटरी के घर लूट और हत्या के बाद से ही मुख्यमंत्री उखड़े हुए हैं. इस बीच बिहियां में महिला के चीरहरण की घटना ने आग में घी डालने का काम कर दिया है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री इतने नाराज हैं कि वो पुलिस मुख्यालय के टॉप अधिकारियों से भी बात नहीं कर रहे. अपराधी जिस तरह से उन्हें सबक सिखा रहे हैं, अब मुख्यमंत्री उन्हें सबक सिखाने की ठान चुके हैं. कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर फेल होनेवाले अधिकारी तो निशाने पर हैं ही साथ ही भ्रष्ट और निक्कमे अधिकारी भी मुख्यमंत्री के निशाने पर हैं. माना जा रहा है कि दो दर्जन जिलों के एसपी से लेकर पुलिस मुख्यालय के बड़े बड़े चेहरे बदल सकते हैं.
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