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SPL: AK-47 राइफल तस्करी का नेता-नक्सल कनेक्शन, NIA ने शुरू कर दी हैं पड़ताल

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AK-47 राइफल तस्करी का नेता-नक्सल कनेक्शन, NIA ने शुरू कर दी हैं पड़ताल

सिटी पोस्ट लाइव : मुंगेर में लगातार वरामद हो रहे AK-47 राइफल की तस्करी मामले में नेता कनेक्शन के बाद अब नक्सल कनेक्शन सामने आ गया है. NIA के अनुसार मध्य प्रदेश के जबलपुर सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो से AK-47 राइफल की तस्करी हथियारों के निर्माण के  लिए कुख्यात मुंगेर में होती थी. यहाँ AK-47 राइफल की सप्लाई नेताओं, अपराधियों, नक्सलियों और आतंकियों को होती थी.

हजारीबाग से पेट्रोल-डीजल कारोबारी बसंत साहू को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को आशंका है कि ये मुंगेर के मंजर आलम से AK-47 रायफल लेता था जिसकी सप्लाय नक्सलियों को होती थी. हजारीबाग से मोहम्मद तनवीर और मंजर का साला मोनाजिर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. उधर मुंगेर से बिहार पुलिस की जवान तराना परवीन के घर पर छापेमारी की गई. तराना का पति परवेज हथियार तस्करी के मामले में पहले से जेल में है.अबतक की जांच पड़ताल के बाद जबलपुर-मुंगेर AK-47 तस्करी मामले में नया मोड़ा आ गया है.

जबलपुर एसपी अमित कुमार और मुंगेर एसपी बाबू राम भी बता चुके हैं कि 2012 के बाद हुए आतंकी हमलों में इस्तेमाल हथियारों की स्टडी की जा रही है. खास तौर पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक जुलाई, 2016 को हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए एके 47 के मुंगेर कनेक्शन की खबरों के बाद जांच एजेंसियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. हालांकि बाबू राम ने बताया कि ढाका अटैक से कोई कनेक्शन अभी तक साबित करना बाकी है.

इस रैकेट के तार कई राज्यों से जुड़े होने और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों का नाम आने के कारण नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी यानी एनआईए खुद इसकी जांच करने जा रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय  एनआईए से इस मामले की जांच की सिफारिश भी कर चूका है. रविवार को एनआईए की टीम ने हजारीबाग से बसंत साहू को पकड़ा है.उसे कहां रखा गया है इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई है. दिल्ली में खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार एनआईए की टीम जल्दी ही मुंगेर पहुंचने वाली है.

पुलिसिया जांच से ये साफ हो चूका है कि मुंगेर का मंजर आलम नक्सलियों को एके-47 सप्लाई करने में अहम् भूमिका निभाता था.वह अभी तक गिरफ्त में नहीं आ सका है. मंजर ऊर्फ मंजी पर जबलपुर सीओडी से गायब 50 से 60 एके 47 झारखंड के कोल माफिया से लेकर नक्ससलियों तक को सप्लाय करने का आरोप  है.यह मुंगेर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गावं का रहने वाला है जहाँ की धरती लगातार AK -47 रायफल उगल रही है. अब तक 20 AK -47 रायफल बरामद हो चुके हैं. बरदह के खेतों की खुदाई में  इस खतरनाक रायफल के सैंकड़ों स्पेयर पार्ट्स मिल चुके हैं.

सूत्रों के अनुसार मंजर झारखंड के हजारीबाग में कोल माफिया से लेकर नक्सलियों तक AK -47 रायफल के सप्लाय का काम अपने रिश्तेदारों के माध्यम से करवाता था और अपने ब्लैक मनी को व्हाइट करवाता था. मुंगेर एसपी ने बताया है कि  मंजी की गिरफ़्तारी के लिए झारखंड से लेकर बिहार के कई जिलों में छापेमारी की जा रही है और जल्द ही उसकी गिरफ़्तारी हो जाएगी. इस मामले में बिहार के मुंगेर से सात, झारखंड के हजारीबाग से तीन, पश्चिम बंगाल के बागडोगरा से एक और मध्यप्रदेश के जबलपुर से तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

जब 29 अगस्त को जमालपुर रेलवे स्टेशन के बाहर मोहम्मद इमरान को संदिग्ध अवस्था में दो बाइक सवार जवानों ने पकड़ा तब किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो सकता है. इमरान के सूटकेस से तीन एके-47 मिले और उसके बाद मामला परत दर परत उजागर होने लगा और AK -47 रायफल की खेप वरामद होने लगी. अबतक की जांच पड़ताल से पता चला है कि जबलपुर डिपो से 2012 से 2018 के बीच 100 से ज्यादा एके 47 रायफल गायब किए गए. वहां से रिटायर पुरुषोत्तम रजक और ऑर्डनेंस  डिपो के सिविल कर्मचारी सुरेश ठाकुर ने इस काम में अहम् भूमिका  निभाई. पुरुषोत्तम अपनी पत्नी चंद्रावती के साथ AK -47 रायफल जमालपुर स्टेशन लाता था और यहां से मुंगेर सिंडिकेट उसे रिसीव करता था. जबलपुर पुलिस पुरुषोत्तम, चंद्रावती और सुरेश को गिरफ्तार कर चुकी है.

मुंगेर से इमरान की निशानदेही के बाद शमसेर के पास से तीन एके 47 मिला. मामले की संवेदनशीलता तब सामने आई जब शमसेर के भाई और भारतीय सेना के जवान रियाजुल की भूमिका भी इसमें सामने आई और उसे बागडोगरा कैंप से गिरफ्तार किया गया.अबतक जांच में यह खुलासा हो चूका है कि सत्ताधारी दल के एक नेता ने भी AK -47 रायफल ख़रीदा है. लेकिन पुलिस ने उसके नाम का खुलासा अबतक नहीं किया है.इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. तेजस्वी यादव लगातार उस विधायक के नाम का खुलासा करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुलिस इसे रूटीन राजनीतिक बयान मानकर  चुप्पी साधे हुए हैं.लेकिन लोगों के जेहन में यह सवाल आज भी कौंध रहा है कि पुलिस उस विधायक के नाम का खुलासा कब करेगी जिसने AK -47 रायफल ख़रीदा है.

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