सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में कोरोना के तीसरी लहर के खूब चर्चे हो रहे हैं. वहीं, इसे लेकर लगातार एहतियात बरतने की अपील की जा रही है. साथ ही कोरोना की तीसरी लहर खासकर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक मानी जा रही है. इस बीच पटना हाईकोर्ट भी लगातार अपनी सख्ती दिखा रही है. हाईकोर्ट लगातार बिहार सरकार की गतिविधियों पर अपनी नजर बनायी हुई है और सवालों के घेरे में ले रही है. इसी क्रम में हाइकोर्ट ने राज्य में करोना के बढ़ रहे प्रकोप को रोकने और राज्य की जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दायर कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि कोरोना पीड़ित मरीजों की मृत्यु से संबंधित सभी आंकड़े पूरे प्रदेश के किसी भी एक पोर्टल पर क्यों नहीं आते हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इस मामले में पूरी जानकारी प्राप्त कर ले. वहीं, इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई में विस्तृत रूप में जानकारी देने के लिए कहा है.
इसके साथ ही कोर्ट में कोरोना वैक्सीनेशन, टेस्ट, संक्रमितों की मौत और अन्य सभी गतिविधियों को लेकर सुनवाई की. साथ ही कई सवाल भी खड़े हुए. बता दें कि, कोरोना की दूसरी लहर ने जब से रफ़्तार पकड़ी थी तब से पटना हाईकोर्ट लगातार सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है. सरकार ने स्वास्थय व्यवस्था से भी जुड़े किये गए तैयारियों को लेकर भी सवाल खड़ा किया था. वहीं, अब भी अन्य आदेश जारी करते हुए जवाब मांगा है.
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