सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बक्सर में गंगा से लावारिश शवों के मिलने का सिलसिला जारी है.बिहार सरकार (Bihar Government) के मुताबिक बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 73 शव निकाले जा चुके हैं. माना जा रहा है कि ये कोरोना वायरस (Coronavirus) से मरने वालों के शव हैं. ये वैसे लोगों के शव हैं जिनका अंतिम संस्कार नहीं करके गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया. बक्सर जिलाप्रशासन द्वारा चौसा गांव के महादेव घाट पर जेसीबी से खुदाई कर ये शव दफनाए जा रहे हैं.
गंगा नदी में इतने बड़े पैमाने पर शव मिलने से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जताई है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जिला प्रशासन को नदी किनारे गश्त बढ़ाने को कहा है ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो. बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी ट्वीट किया है- ‘उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती रानीघाट पर गंगा में जाल लगाया गया है. हमने उत्तर प्रदेश प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है. हमारा प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है.’ इस बीच बक्सर के अनुमंडल अधिकारी के के उपाध्याय ने बताया कि सीमा पर लगाए गए जाल के समीप उत्तर प्रदेश की ओर से मंगलवार को दो अन्य शव नदी में बहते हुए आए हैं, जिनके अंतिम संस्कार का प्रबंध सीमा पर ही किया गया.
गौरतलब है कि सोमवार को बक्सर जिले के चौसा में बड़ी संख्या में शव गंगा नदी में मिले थे.ये शव उन कोरोना पीड़ितों के थे जिनके परिवार के सदस्यों द्वारा गरीबी के कारण और संसाधन के अभाव में शव को छोड़ दिया गया या फिर सरकारी कर्मियों द्वारा संक्रमण के डर से फेंका गया था. चौसा के प्रखंड विकास अधिकारी अशोक कुमार ने मृतकों में से किसी के भी बक्सर जिला का निवासी होने से इनकार किया है.
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