सैकड़ों पूर्व अधिकारियों ने लिखी चिठ्ठी,कहा मुसलमानों का हो रहा उत्पीड़न.
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के साथ कोरोना पर राजनीति भी शुरू हो गई है.सोनिया गांधी के बाद अब देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने मुसलमानों पर उत्पीड़न का जिक्र करते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को चिट्ठी लिख कर सनसनी मचा दी है.एक तरफ कोरोना वायरस के संकट से पूरा देश जूझ रहा है. सरकार के द्वारा कोविड-19 की महामारी से बचाव के लिए लगातार रास्ते तलाशे जा रहे हैं.वहीं दूसरी तरफ 101 पूर्व नौकरशाहों ने कोरोना वायरस के बहाने मुसलमानों के उत्पीड़न का जिक्र करते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को चिट्ठी लिख कर बवाल मचा दी है. चिट्ठी में साफ तौर पर कहा गया है कि तबलीगी जमात के बहाने पूरे देश में मुस्लिमों के खिलाफ एक माहौल तैयार किया जा रहा है जिसके शिकार मुसलमान हो रहे हैं.
नौकरशाहों ने अपने पत्र में जमात की आलोचना तो की है लेकिन साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि मुसलमानों के खिलाफ इस देश में माहौल तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने में अकेले तबलीगी जमात ही शामिल नहीं है. सबसे ख़ास बात गौरतलब है कि यह चिट्ठी उसी दिन मीडिया के सामने आई है जिस दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है.
तबलीगी जमात वालों ने पूरे देश में कोरोना वायरस फैलाने में अपनी अहम भूमिका अदा की है.लेकिन दूसरी तरफ 101 पूर्व नौकरशाहों की चिट्ठी जिसमें तबलीगी जमात की शिकायत की गई है तो साथ ही उनका पक्ष भी लिया गया है.पत्र में कहा गया है कि कि देश के कुछ हिस्सों में तबलीगी जमात के बहाने मुस्लिमों के खिलाफ एक माहौल बनाया जा रहा है.चिट्ठी में कहा गया है कि संक्रमण को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. जमात वालों ने दिल्ली सरकार की सलाह ना मानकर निंदनीय काम किया लेकिन मीडिया के द्वारा संक्रमण को सांप्रदायिक रंग देना बेहद गैर जिम्मेदाराना है.
नौकरशाहों के चिठ्ठी की खास बात यह है कि जिस दिन सोनिया गांधी ने बीजेपी पर यह आरोप लगाया कि सारा देश एक तरफ तो कोरोना से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी इस विपरीत समय में भी देश में सांप्रदायिकता फैलाने में लगा हुआ है.
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