मानवता हुई शर्मसार, तड़प-तड़प कर कोरोना पीड़ित ने दे दी जान.
ईलाज के अभाव में मर गया शख्स, किसी ने हाथ नहीं लगाया तो JCB पर निकली शव यात्रा.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के छपरा से वीभत्स तस्वीर सामने आई है. मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना जिले के मांझी के सलेमपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बरामदे में हुई है.यहाँ पड़े एक युवक ने इलाज के आभाव में तड़प तड़प कर दम तोड़ ही दिया. कई दिनों से युवक विद्यालय के बरामदे में पड़ा रहा. सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुध ही नहीं लिया जिस कारण उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई.मौत होते ही कुत्ते उसके शव को खींचकर झाड़ी में ले गए और नोंच-नोंचकर खाने लगे जिसकी सूचना पूर्व जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र सिंह समाज को मिली. उन्होंने प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जिस पर थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने दल बल के साथ पहुंचकर ग्रामीणों के सहयोग से शव को जेसीबी के माध्यम से गड्ढा खोदकर अंतिम संस्कार करवा दिया.
पूर्व जिप सदस्य धर्मेन्द्र सिंह समाज ने तीन दिनों पूर्व मांझी के थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान तथा मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार को फोन करके सलेमपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर में एक अज्ञात विक्षिप्त के गिरे पड़े होने की सूचना दी थी. उन्होंने बीमार विक्षिप्त को खिलाने- पिलाने का प्रयास भी किया लेकिन उसने खाना नहीं खा पाने का इशारा कर मना कर दिया.
थानाध्यक्ष ने दोबारा चिकित्सा पदाधिकारी को फोन करके एम्बुलेंस के सहारे बीमार विक्षिप्त को इलाज हेतु पीएचसी में एडमिट कराने का अनुरोध किया लेकिन स्वास्थ्य प्रशासन ने उसे गम्भीरता से नहीं लिया. अंततः शनिवार की रात विक्षिप्त ने विद्यालय के सामने ही दम तोड़ दिया. ग्रामीणों ने रविवार की सुबह पुलिस को विक्षिप्त की मौत की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी और पोस्टमार्टम कराने का आग्रह किया.
इस घटना ने सरकारी व्यवस्था की तो पोल खोल ही दी है साथ ही मानवता को भी शर्मसार कर देनेवाली है. नाराज ग्रामीणों ने पीएचसी कर्मियों पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान के समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण शव को दफनाने पर राजी हो गए. उसके बाद पुलिस ने जेसीबी की सहायता से क्षत- विक्षत शव को दफना दिया.
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